Coldrif कफ सिरप से 12 बच्चों की मौत मामले में डॉक्टर गिरफ्तार, दवाई में पाया गया 48% जहरीला केमिकल
Coldrif Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीली कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले ने सनसनी मचा दी है. इस घटना के बाद डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्होंने बच्चों को वही कोल्ड्रिफ सीरप लिखी थी. इसमें खतरनाक रसायन Diethylene Glycol (DEG) पाया गया.

Coldrif Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीली कफ सिरप पीने से 10 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. शनिवार देर रात पुलिस ने डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने मृत बच्चों को वही कोल्ड्रिफ सिरप लिखी थी जो बाद में जहर साबित हुई. इस मामले ने प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है और सरकार ने इस त्रासदी की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं.
जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में Diethylene Glycol (DEG) नाम का घातक रासायनिक तत्व पाया गया, जो किडनी फेल और मौत का कारण बन सकता है. इसके बाद प्रदेश सरकार ने तत्काल इस दवा की बिक्री, वितरण और उपयोग पर रोक लगा दी है.
कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई
छिंदवाड़ा पुलिस ने शनिवार को डॉक्टर प्रवीण सोनी के साथ-साथ सरेसुन फार्मास्यूटिकल्स के संचालकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की है. यह मामला ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27(A) और भारतीय न्याय संहिता(BNS) की धारा 105 और 276 के तहत दर्ज किया गया है. शिकायत परासिया कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंकित साहलम ने दर्ज कराई है.
लैब रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
शुक्रवार को आई लैब रिपोर्ट ने मामले की गंभीरता को उजागर कर दिया. रिपोर्ट के अनुसार, कोल्ड्रिफ सिरप के सैंपल में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया. यह वही रासायनिक पदार्थ है जो शरीर में पहुंचने पर किडनी और लीवर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है और मौत तक का कारण बन सकता है.
अधिकारियों का कहना है कि डॉ. सोनी ने जिन बच्चों को यह सिरप दिया था, उनमें से अधिकतर की हालत इसी जहरीले तत्व के कारण बिगड़ी.
सरकार ने लगाया बैन
मध्य प्रदेश सरकार ने शनिवार को कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और वितरण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया. राज्य के ड्रग कंट्रोलर ने सभी जिलों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि सिरप की सभी खेपों को तुरंत सील किया जाए और जब तक जांच पूरी न हो, किसी भी रूप में इसका उपयोग न किया जाए.
जब शुरुआती जांच में यह पता चला कि कोल्ड्रिफ सिरप से मध्य प्रदेश में 9, महाराष्ट्र में 2 और राजस्थान में 1 बच्चे की मौत हुई थी तब 1 अक्टूबर को तमिलनाडु सरकार ने भी इसी कंपनी के उत्पादों पर बैन लगाया था
आगे की कार्रवाई जारी
राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है. स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मिलकर यह पता लगा रहे हैं कि जहरीला सिरप बाजार में कैसे पहुंचा और गुणवत्ता जांच में यह खामी पहले क्यों नहीं पकड़ी गई.
यह सिरप सरेसुन फार्मास्यूटिकल्स, कांचीपुरम (तमिलनाडु) में तैयार की गई थी. तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल डायरेक्टरेट की 2 अक्टूबर की रिपोर्ट में इस सिरप को गैर-मानक और त्रुटिपूर्ण (NSQ) घोषित किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, सिरप में DEG की मात्रा इतनी अधिक थी कि यह इंसानी उपयोग के लिए सुरक्षित थी.
सरकार ने न केवल कोल्ड्रिफ सिरप बल्कि सरेसुन फार्मास्यूटिकल्स की सभी उत्पादों पर जांच और निगरानी बढ़ा दी है. यह कंपनी पहले से ही तमिलनाडु प्रशासन के रडार पर है.


