'मौनव्रत' और गीत के बहाने मनीष तिवारी का कांग्रेस पर तंज, क्या थरूर भी नाराज?
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी और शशि थरूर की चुप्पी ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. बहस से दूर रखे जाने पर दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया पर इशारों में नाराजगी जताई. मनीष तिवारी ने देशभक्ति गीत शेयर कर कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा, वहीं थरूर ने ‘मौनव्रत’ कहकर पार्टी की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए.

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस जारी है और ऐसे में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और शशि थरूर जैसे वरिष्ठ सांसदों का बोलना तय नहीं किया जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। मनीष तिवारी ने मंगलवार सुबह एक देशभक्ति गीत और एक मीडिया रिपोर्ट साझा कर इशारों-इशारों में यह जताने की कोशिश की कि उन्हें पार्टी द्वारा बहस से दूर क्यों रखा गया. उनकी पोस्ट में छिपा संकेत साफ है क्या पार्टी उन सांसदों को मंच नहीं देना चाहती जो सरकार के विदेश नीति प्रयासों का समर्थन कर चुके हैं
देशभक्ति गीत से दिया संदेश
मनीष तिवारी, जो इस वक्त चंडीगढ़ से सांसद हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर 1970 की फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’ से एक प्रसिद्ध देशभक्ति गीत शेयर किया. गीत के बोल थे, “जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़ियां करती हैं बसेरा, वो भारत देश है मेरा…”इसके साथ उन्होंने एक खबर साझा की जिसका शीर्षक था कि सरकार के पक्ष में बोले: ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कांग्रेस ने शशि थरूर और मनीष तिवारी को क्यों बाहर बैठाया.
इस रिपोर्ट में बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी सरकार द्वारा वैश्विक स्तर पर आउटरीच के लिए गठित बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल कांग्रेस सांसदों को पार्टी ने संसद में बोलने का मौका नहीं दिया.
सरकार की तारीफ पड़ी भारी?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तिवारी और थरूर उन कांग्रेस सांसदों में प्रमुख थे जिन्हें मोदी सरकार ने विदेशी दौरों के लिए चुना था। इन दौरों में इन सांसदों ने भारत सरकार की नीति की सराहना की थी, जो पार्टी नेतृत्व को शायद असहज कर गया. कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना था कि जब सरकार ने नाम नहीं मांगे, तब ऐसे सांसदों का शामिल होना पार्टी लाइन से बाहर का कदम था। इसलिए, उन्हें लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बोलने से दूर रखा गया.
थरूर का एक शब्दीय तंज - "मौनव्रत"
वहीं शशि थरूर से जब पत्रकारों ने पूछा कि उन्हें बोलने का मौका क्यों नहीं मिला, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए सिर्फ एक शब्द कहा कि “मौनव्रत”। उनका यह लघु उत्तर भी बहुत कुछ कह गया.
पीएम मोदी और राहुल गांधी की बहस में एंट्री
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस मंगलवार को भी जारी रही. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे बड़े नेताओं के बोलने की उम्मीद थी.
मनीष तिवारी का सियासी संकेत?
मनीष तिवारी की यह सोशल मीडिया पोस्ट पार्टी में असहमति का संकेत मानी जा रही है. जहां एक ओर वह देश के प्रति अपनी निष्ठा और प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के निर्णयों पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. यह भी संभव है कि तिवारी और थरूर जैसे नेताओं को पार्टी लाइन से अलग रुख अपनाने की कीमत चुकानी पड़ रही हो.


