भारत से दुश्मनी पड़ेगी महंगी, मूडीज ने पाकिस्तान को दी आर्थिक चेतावनी
मूडीज का कहना है कि यदि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता रहा तो इससे पाकिस्तान को मिलने वाली बाहरी वित्तीय मदद में रुकावट आ सकती है, जिससे उसके विदेशी मुद्रा भंडार पर भारी दबाव पड़ेगा और आने वाले वर्षों में उसके बाहरी ऋण चुकाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री ने इस घटना को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि इस हमले के जिम्मेदारों को गंभीर अंजाम भुगतने होंगे. इस सख्त रुख के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव की आशंका बढ़ गई है, जिससे पाकिस्तान सरकार में हड़कंप मचा हुआ है. वहां के प्रधानमंत्री से लेकर मंत्री तक वैश्विक समुदाय से तनाव कम कराने की अपील कर रहे हैं.
इसी पृष्ठभूमि में, सोमवार को अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने एक रिपोर्ट जारी कर आगाह किया कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ता है, तो भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका सीमित असर होगा, लेकिन पाकिस्तान की पहले से ही नाजुक आर्थिक हालत और बिगड़ सकती है. रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार दबाव में आ सकता है और आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
मूडीज की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
मूडीज की रिपोर्ट का शीर्षक है "भारत-पाक तनाव के बीच पाकिस्तान की वृद्धि पर असर." इसमें बताया गया कि भारत की आर्थिक स्थिति पर कोई बड़ा असर नहीं दिखता क्योंकि दोनों देशों के बीच आर्थिक लेन-देन बहुत कम है. वर्ष 2024 में भारत के कुल निर्यात में पाकिस्तान की हिस्सेदारी 0.5% से भी कम रही. इसलिए भारत में व्यावसायिक गतिविधियां सामान्य बनी रह सकती हैं. पिछले महीने हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत ने पांच आतंकियों की पहचान की, जिनमें तीन पाकिस्तानी नागरिक थे. भारत ने सख्त कार्रवाई की बात दोहराई है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है.
पाकिस्तान की आर्थिक चिंता
मूडीज ने यह भी कहा कि अगर यह तनाव लंबा चला तो पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों पर असर पड़ेगा और उसका राजकोषीय संतुलन बिगड़ सकता है. हालांकि, फिलहाल आईएमएफ की सहायता से पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार थोड़ा सुधरा है और मुद्रास्फीति में गिरावट आई है.
नई वित्तीय सहायता योजना
आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड 9 मई को पाकिस्तान के साथ एक नई वित्तीय सहायता योजना पर चर्चा करेगा, जो 1.3 अरब डॉलर के ऋण से जुड़ी है. यह मौजूदा 7 अरब डॉलर की राहत पैकेज की समीक्षा का भी हिस्सा होगी. भारत इस बैठक में, आईएमएफ और अन्य वैश्विक एजेंसियों से पाकिस्तान को दिए जा रहे आर्थिक सहयोग की दोबारा समीक्षा की मांग कर सकता है.
रेटिंग एजेंसी ने यह भी जोड़ा कि भारत में मजबूत निवेश और निजी उपभोग के चलते आर्थिक विकास की रफ्तार बनी रह सकती है, हालांकि रक्षा बजट में वृद्धि से राजकोषीय दबाव जरूर बढ़ेगा.


