पहलगाम हमले के आतंकी एक हफ्ते पहले पहुंचे जम्मू-कश्मीर, बैसरन घाटी को बनाया निशाना: सूत्र
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया और कड़ी कूटनीतिक कार्रवाई की. भारतीय सेना ने संघर्ष विराम उल्लंघन का जवाब देते हुए कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज कर दिया है.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कूटनीतिक कार्रवाई की है. ये हमला एक पर्यटकों पर किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था. खबरों के मुताबिक, आतंकवादियों ने हमले से एक हफ्ते पहले पहलगाम के कई पर्यटक स्थलों का दौरा किया था और बाइसरन घाटी को अपना लक्ष्य चुना. इस आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए सख्त कदम उठाए हैं.
भारतीय और पाकिस्तानी सेना के सैन्य संचालन निदेशक ने मंगलवार को एक हॉटलाइन के माध्यम से बातचीत की, जिसमें पाकिस्तान द्वारा किए गए बिना उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर चर्चा की गई. भारतीय सेना ने पाकिस्तान की बिना उकसावे की गोलाबारी का करारा जवाब दिया है और दोनों देशों के बीच सीमा पर स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है.
पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन पर प्रतिक्रिया
भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच मंगलवार को एक हॉटलाइन वार्ता हुई, जिसमें पाकिस्तान द्वारा बिना उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघन पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज किया. रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बिना उकसावे के छोटे हथियारों की गोलीबारी का मजबूत जवाब दिया. भारतीय सेना ने 27-28 अप्रैल की रात को कुपवाड़ा और पुंछ जिलों के सामने संघर्ष विराम उल्लंघन पर तुरंत प्रतिक्रिया दी. इसके पहले, 26-27 अप्रैल की रात को तुतमारी गली और रामपुर सेक्टर में भी पाकिस्तान की गोलीबारी का जवाब भारतीय सेना ने प्रभावी रूप से दिया.
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसके बाद भारतीय सेना ने अपने ऑपरेशनों को और सख्त कर दिया. भारतीय सरकार ने पाकिस्तान पर कश्मीर में आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया और इस हमले की कड़ी निंदा की.
पहलगाम आतंकी हमले के अगले दिन कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक हुई. बैठक में बताया गया कि इस हमले के सीमा पार के लिंक थे और ये हमला जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनावों की सफलता और राज्य की आर्थिक प्रगति के बाद हुआ. सरकार ने इसे पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद के समर्थन का एक और उदाहरण माना है और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए कई कदम उठाए हैं.


