कौन दोस्त है कौन दुश्मन पहलगाम की घटना ने सिखा दिया... RSS स्थापना दिवस पर बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत
Mohan Bhagwat speech: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने 100वें स्थापना दिवस पर नागपुर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया. इस मौके पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना ने हमें यह समझाया कि कौन देश हमारा मित्र है और कौन शत्रु, साथ ही हमें हमेशा अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए.=

Mohan Bhagwat speech: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर विजयदशमी पर नागपुर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया. इस मौके पर देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश की सुरक्षा और हालिया पहलगाम हमले का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस घटना ने देशवासियों को यह समझने में मदद की कि कौन देश हमारा मित्र है और कौन हमारा शत्रु.
मोहन भागवत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को हमेशा अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना होगा. उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले जैसी घटनाओं से हमें न केवल अपनी सैन्य ताकत बल्कि सामाजिक एकता का भी परिचय मिलता है.
#WATCH | During the centenary celebrations of the Rashtriya Swayamsewak Sangh, Sarsanghachalak Mohan Bhagwat says, "... Terrorists from across the border killed 26 Indians after asking their religion. The nation was mourning and angry about the terror attack. With complete… pic.twitter.com/24kaq7I6gf
— ANI (@ANI) October 2, 2025
पहलगाम घटना पर मोहन भागवत का बयान
मोहन भागवत ने याद दिलाया, "22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आए आतंकवादियों ने 26 भारतीय नागरिक पर्यटकों की हिंदू धर्म के बारे में पूछकर हत्या कर दी. इस हमले से पूरे भारत में शोक, उदासी और आक्रोश की लहर दौड़ गई."
उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार ने इस हमले का माकूल जवाब देने के लिए मई माह में एक सुनियोजित योजना बनाई. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान देशवासियों ने देश के नेतृत्व की दृढ़ता, सशस्त्र सेनाओं की वीरता, और सामाजिक एकता के कई हृदयस्पर्शी दृश्य देखे.
मित्र और शत्रु की पहचान
आरएसएस प्रमुख ने स्पष्ट किया, "यह घटना हमें यह भी सिखा गई कि हम भले ही सबके प्रति मित्र भाव रखें, लेकिन अपनी सुरक्षा को लेकर सजग रहना होगा. इस पूरी घटना के बाद हमने दुनिया के कई देशों का स्टैंड देखा. इस घटना ने हमें यह भी सीख दी कि कौन सा देश हमारा मित्र है और कौन सा देश दुश्मन."
मोहन भागवत का यह संदेश न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को उजागर करता है, बल्कि देशवासियों को सतर्क रहने और आपसी एकता बनाए रखने की प्रेरणा भी देता है.


