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'जब मैं सोता हूं, तब भी मेरा दिमाग...,' PM मोदी का लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में बड़ा खुलासा! एक नजर में देखें सबकुछ

लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपनी जिंदगी, संघर्ष और भारत के भविष्य को लेकर ऐसी बातें बताईं, जो पहले कभी नहीं सुनी गईं! उनकी लाइफ स्टोरी से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मेडिटेशन तक, कई दिलचस्प खुलासे हुए. आखिर पीएम मोदी ने ऐसा क्या कहा, जिससे पूरा इंटरनेट हिल गया? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

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Edited By: Aprajita

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मशहूर AI शोधकर्ता और पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ करीब तीन घंटे तक बातचीत की. इस इंटरव्यू में उन्होंने नेतृत्व, कूटनीति, अनुशासन और अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया. यह मोदी की इस साल की दूसरी पॉडकास्ट उपस्थिति थी. इससे पहले जनवरी में उन्होंने 'पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ' पर निखिल कामथ के साथ चर्चा की थी.

'मेरी ताकत 1.4 अरब भारतीयों में निहित'

बातचीत के दौरान PM मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी असली ताकत उनके नाम या पद में नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की सामूहिक शक्ति और भारत की हजारों वर्षों पुरानी संस्कृति में है. उन्होंने कहा, 'जब मैं किसी विश्व नेता से हाथ मिलाता हूं, तो वह सिर्फ मोदी नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों का प्रतिनिधित्व होता है.' उन्होंने भारत की वैश्विक शांति में भूमिका को रेखांकित करते हुए महात्मा गांधी और गौतम बुद्ध का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'भारत संघर्ष में नहीं, बल्कि शांति और सद्भाव में विश्वास रखता है. जहां भी हम शांतिदूत बन सकते हैं, हम उस भूमिका को अपनाते हैं.'

गरीबी से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर

PM मोदी ने अपने बचपन के संघर्षों को याद करते हुए बताया कि उन्होंने गरीबी को नजदीक से देखा है. उन्होंने कहा, 'हमने गरीबी का बोझ कभी महसूस नहीं किया क्योंकि तुलना करने के लिए कुछ था ही नहीं. अगर किसी ने कभी जूते नहीं पहने, तो उसे उनकी जरूरत का अहसास नहीं होगा.'

उन्होंने यह भी साझा किया कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था. उन्होंने उम्मीद जताई कि 'शांति की जीत होगी और पड़ोसी मुल्क भी इसका चुनाव करेगा.'

आलोचना को सकारात्मक रूप से लेना सीखें

PM मोदी ने आलोचनाओं पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र की आत्मा आलोचना में है. सही आलोचना हमें सुधार करने का मौका देती है, इसलिए मैं इसे खुले दिल से स्वीकार करता हूं.'

उपवास: केवल भोजन त्याग नहीं, आत्म-अनुशासन का तरीका

लेक्स फ्रिडमैन ने मोदी से उनकी उपवास की आदतों पर सवाल किया. PM ने बताया कि पिछले पांच दशकों से उपवास उनके जीवन का हिस्सा रहा है. उन्होंने कहा, 'उपवास सिर्फ भोजन छोड़ने का नाम नहीं है, बल्कि यह सोच को तेज करता है, इंद्रियों को नियंत्रित करता है और मानसिक स्पष्टता लाता है.'

मोदी ने बताया कि नवरात्रि के दौरान वे नौ दिनों तक सिर्फ गर्म पानी पीते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाते हैं. उन्होंने अपने पहले उपवास का अनुभव भी साझा किया, जो उन्होंने बचपन में महात्मा गांधी के गोरक्षा आंदोलन से प्रेरित होकर किया था.

युवाओं के लिए सीख: शॉर्टकट मत लो

PM मोदी ने युवाओं को जीवन में धैर्य रखने और आत्मविश्वास बनाए रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा, 'चाहे रात कितनी भी अंधेरी क्यों न हो, सुबह जरूर आएगी. जीवन में कोई शॉर्टकट नहीं होता, शॉर्टकट आपको छोटा कर देता है.' उन्होंने युवाओं को सीखने की निरंतरता बनाए रखने और समाज में योगदान देने की बात कही. उन्होंने कहा, 'सच्ची संतुष्टि देने से मिलती है, न कि सिर्फ प्राप्त करने से.'

हिमालय की यात्रा और आत्म-अन्वेषण

अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण हिस्से को याद करते हुए PM मोदी ने बताया कि उन्होंने हिमालय में दो साल एक साधु की तरह बिताए. इस दौरान वे खुद को खोजने और अनुशासन को अपनाने की प्रक्रिया से गुजरे. उन्होंने स्वामी विवेकानंद और छत्रपति शिवाजी से मिली प्रेरणाओं का जिक्र किया और कहा कि वे अपने जीवन में एक साधारण लेकिन प्रभावी दृष्टिकोण अपनाने में विश्वास रखते हैं.

भारत: सिर्फ एक देश नहीं, एक सभ्यता

PM मोदी ने भारत को सिर्फ एक भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि एक प्राचीन सभ्यता बताया. उन्होंने कहा, 'भारत हजारों वर्षों से अस्तित्व में है. इसकी विविधता इसकी असली ताकत है. दक्षिण से उत्तर तक, आपको विविधता दिखेगी, लेकिन अगर गहराई से देखेंगे, तो एक समानता मिलेगी.'

महात्मा गांधी का प्रभाव और स्वतंत्रता संग्राम

महात्मा गांधी के बारे में बात करते हुए मोदी ने बताया कि कैसे उन्होंने सामान्य लोगों को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा. उन्होंने कहा, 'गांधीजी ने कपड़ा बुनने से लेकर नमक सत्याग्रह तक हर चीज़ को एक बड़े उद्देश्य से जोड़ा. उनकी यह क्षमता अद्भुत थी.'

डोनाल्ड ट्रंप के साथ संबंध

2019 के 'हाउडी मोदी' इवेंट को याद करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि कैसे डोनाल्ड ट्रंप ने बिना किसी हिचकिचाहट के उनके साथ भीड़ में चलने का फैसला किया था, जिससे उनकी मित्रता और आपसी विश्वास झलकता है. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी उनका दोस्ताना रिश्ता कायम रहा.

भारत-चीन संबंध और वैश्विक मुद्दे

भारत-चीन संबंधों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों का इतिहास बहुत पुराना है और दोनों कभी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं थीं. सीमा विवाद पर उन्होंने कहा, 'हमने 2020 की झड़पों के बाद स्थिति को सामान्य करने के लिए काम किया है. विश्वास बहाल करने में समय लगेगा, लेकिन हम बातचीत के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

वैश्विक संघर्षों पर मोदी की राय

यूक्रेन युद्ध और वैश्विक अशांति पर टिप्पणी करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया और ज्यादा बंटती जा रही है. उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाएं अपनी भूमिका खो रही हैं. शांति और विकास ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है.'

गुजरात दंगों पर विचार

2002 के गुजरात दंगों पर बोलते हुए PM मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दो बार इस मामले में उनकी बेगुनाही साबित की है. उन्होंने बताया कि गुजरात ने 2002 के बाद से 22 सालों तक दंगा नहीं देखा, क्योंकि उन्होंने 'वोट बैंक' की राजनीति को हटाकर 'आकांक्षाओं की राजनीति' पर ध्यान दिया.

उन्होंने कहा, 'जो लोग वास्तव में जिम्मेदार थे, उन्हें अदालत से न्याय मिला. सच्ची आलोचना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन निराधार आरोपों को मैं स्वीकार नहीं करता.'

यह पॉडकास्ट PM मोदी के नेतृत्व, कूटनीति और व्यक्तिगत जीवन के कई अनछुए पहलुओं को सामने लाया. उन्होंने अपने विचारों और अनुभवों से यह स्पष्ट कर दिया कि वे सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि एक विचारक और दूरदर्शी नेता भी हैं.

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16 March 2025, 06:40 PM IST

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