score Card

उडुपी में गूंजी मोदी की हुंकार: 'नया भारत अडिग, सुदर्शन चक्र करेगा शत्रुओं का सफाया'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उडुपी स्थित ऐतिहासिक श्री कृष्ण मठ में आयोजित लक्ष कंठ गीता पारायण समारोह में देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने नए भारत की दृढ़ता और सामर्थ्य पर जोर दिया.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कर्नाटक के उडुपी स्थित ऐतिहासिक श्री कृष्ण मठ में आयोजित लक्ष कंठ गीता पारायण समारोह में देशवासियों को संबोधित करते हुए नए भारत की दृढ़ता और सामर्थ्य पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज का भारत सुरक्षा के सवाल पर किसी दबाव में झुकने वाला नहीं है. 

‘सुदर्शन चक्र’ की तरह भारत की शक्ति 

राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि भारत की शक्ति ‘सुदर्शन चक्र’ की तरह है, जो राष्ट्र के शत्रुओं को नेस्तनाबूद करने की क्षमता रखता है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि देश ने हाल ही में देखा है कि भारत अपने नागरिकों और सैनिकों की रक्षा के लिए किस स्तर तक जा सकता है.

प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले आतंकवादी घटनाओं पर कार्रवाई करने में हिचक दिखाई जाती थी, लेकिन नया भारत किसी की धमकी से डरने वाला नहीं है. उन्होंने सुदर्शन चक्र को केवल एक अस्त्र नहीं, बल्कि दिव्य न्याय और संतुलन का प्रतीक बताया, जो धर्म और कर्तव्य की रक्षा के लिए प्रयुक्त होता है.

श्री कृष्ण मठ में भव्य आयोजन

उडुपी में रोड शो पूरा करने के बाद प्रधानमंत्री सीधे प्राचीन श्री कृष्ण मठ पहुंचे, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने उनका स्वागत किया. मठ परिसर में उन्होंने लक्ष कंठ गीता पारायण में भाग लिया, जो एक अनूठा सामूहिक अनुष्ठान था. इसमें एक लाख से अधिक लोग विद्यार्थी, साधु-संत, विद्वान और विभिन्न क्षेत्रों से आए नागरिक एक साथ गीता के श्लोकों का जाप कर रहे थे. पूरे परिसर में आध्यात्मिक वातावरण व्याप्त था.

अपने संबोधन से पहले पीएम मोदी ने सुवर्ण तीर्थ मंडप का उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने कनकना किंदी के लिए बनाए गए स्वर्ण आवरण ‘कनक कवच’ को समर्पित किया. यह वही पवित्र स्थान है, जहां संत-कवि कनकदास को भगवान कृष्ण के दर्शन प्राप्त हुए थे. मंच पर पहुंचकर प्रधानमंत्री ने कहा कि संतों और आचार्यों की उपस्थिति उन्हें विशेष रूप से भावुक कर देती है. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही वे कुरुक्षेत्र गए थे और आज श्री कृष्ण की इस पावन नगरी में होना उनके लिए सौभाग्य की बात है.

भारत की आध्यात्मिक शक्ति और उडुपी का महत्व

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक साथ लाखों स्वर जब गीता का पाठ करते हैं तो दुनिया भारत की आध्यात्मिक विरासत की गहराई को महसूस करती है. उन्होंने बताया कि इस अनुष्ठान ने न केवल उन्हें भीतर तक स्पंदित किया, बल्कि विश्व के सामने भारत की सांस्कृतिक शक्ति भी प्रदर्शित की.

उडुपी के राजनीतिक इतिहास पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र जनसंघ और भाजपा के सुशासन मॉडल की प्रयोगभूमि रहा है. उन्होंने स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए लोगों से “लोकल के लिए वोकल” बनने का आग्रह किया.

calender
28 November 2025, 02:37 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag