Rahul Gandhi ने Karnataka सत्ता बदलाव पर दिया कड़ा संकेत, कांग्रेस के भीतर बढ़ रहा आंतरिक दबाव लगातार
कर्नाटक में बड़ा सियासी हलचल शुरू हो गया है, क्योंकि राहुल गांधी ने डीके शिवकुमार के संदेश का जवाब देकर नेतृत्व बदलाव, कैबिनेट फेरबदल और वरिष्ठ नेताओं के सार्वजनिक बयानों पर विस्तृत चर्चा की है।

कर्नाटक की राजनीति में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को एक टेक्स्ट जवाब भेजा है। उन्होंने लिखा, “कृपया इंतजार करें, मैं आपको कॉल करता हूं।” ये जवाब उनके पुराने संदेश के सात दिन बाद आया। बताया जा रहा है कि पार्टी स्तर पर एक दिसंबर तक मामला सुलझाने की चर्चा जारी है। शिवकुमार लगातार राहुल से मिलने का समय मांग रहे थे। अब राहुल की प्रतिक्रिया को राजनीतिक संकेत माना जा रहा है।
क्या दिल्ली में महत्वपूर्ण मीटिंग हुई?
राहुल गांधी ने दिल्ली में कर्नाटक के दो नेताओं प्रियांक खरगे और शरत बच्चेगौड़ा से मुलाकात की है। सूत्रों के अनुसार यह चर्चा करीब 15 मिनट चली। बताया गया कि बैठक में “वोट चोरी” और राजनीतिक हालात पर बात हुई। साथ ही तकनीकी प्लेटफॉर्म और हाल ही में लॉन्च हुए KEO AI PC डिवाइस की जानकारी दी गई। इसके बाद राहुल ने प्रियांक खरगे से अलग 20 मिनट तक मुलाकात की। इस बातचीत को सियासी समीकरणों से जुड़ा माना जा रहा है।
क्या सत्ता हस्तांतरण पर बात हुई?
सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने प्रियांक खरगे के साथ कर्नाटक में संभावित सत्ता परिवर्तन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कैबिनेट में संभावित बदलाव और वरिष्ठ नेताओं के सार्वजनिक बयानों की भी समीक्षा की। कहा जा रहा है कि नेतृत्व परिवर्तन पर पार्टी आलाकमान गंभीरता से सोच रहा है। राहुल ने स्पष्ट किया कि तनाव नहीं बढ़ना चाहिए। उन्होंने संकेत दिए कि एक निर्णायक फैसला जल्द लिया जा सकता है।
क्या सिद्धारमैया की टिप्पणी से है नाराजगी ?
खबरों के अनुसार, राहुल गांधी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के हालिया सार्वजनिक बयान से असहज हैं। सिद्धारमैया ने कहा था कि वे पावर-शेयरिंग समझौते को नहीं मानते और पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। बताया गया कि राहुल ने इस तरह के बयान को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक विवाद से पार्टी को नुकसान हो सकता है। राहुल का संदेश अब दोनों गुटों तक पहुंचाया जा चुका है।
क्या शिवकुमार दिल्ली आने वाले हैं?
डीके शिवकुमार 29 नवंबर को दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। बताया गया कि वे सोनिया गांधी से भी समय मांग चुके हैं। वे राहुल से सीधे मुलाकात की कोशिश में हैं। सूत्रों का दावा है कि शिवकुमार नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अपनी रणनीति बताना चाहते हैं। उनका मानना है कि समय रहते निर्णय लेना जरूरी है। इस मुलाकात को कर्नाटक संकट का अहम मोड़ माना जा रहा है।
क्या विपक्ष के नेता ने नई जानकारी मांगी?
रिपोर्ट के अनुसार, बैठक इसलिए भी रखी गई कि राहुल गांधी को नए AI-पावर्ड प्लेटफॉर्म और डिवाइस की जानकारी दी जा सके। ये डिवाइस कर्नाटक टेक समिट में लॉन्च होना था। साथ ही अलंद में कथित “वोट चोरी” मामले पर भी सवाल किए गए। तीनों नेताओं ने चुनावी तैयारियों और रणनीति पर चर्चा की। प्रियांक खरगे की भूमिका इस मीटिंग में महत्वपूर्ण मानी गई।
क्या जल्द लिया जाएगा अंतिम फैसला?
सियासी हलचल के बीच पार्टी नेतृत्व दिसंबर के पहले सप्ताह में निर्णय लेने की कोशिश में है। राहुल गांधी जल्द दोनों नेताओं से सीधी बातचीत करेंगे। फिलहाल तनाव कम रखने की सलाह दी गई है। सूत्रों का कहना है कि स्थिति जल्द स्पष्ट होगी। कर्नाटक सरकार बचाने के लिए बदलाव संभव है। अब सबकी नजर राहुल के अगले कदम पर है।


