राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि... जानिए आज क्यों मनाया जाता है आतंकवाद विरोधी दिवस!
आज, 21 मई को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि है. इस मौके पर PM मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया. वहीं इस दिन को हर साल आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि समाज में आतंकवाद के खतरे और उसके खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जा सके.

Rajiv Gandhi Death Anniversary: आज, 21 मई को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि है. PM मोदी ने इस अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. PM मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए राजीव गांधी को याद किया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने लिखा, 'आज उनके पुण्यतिथि पर मैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.'
राजीव गांधी की मृत्यु और उनका योगदान
राजीव गांधी की पुण्यतिथि, उनके निधन की काली यादों को ताजा करती है. 21 मई 1991, आज के दिन, उन्हें एक आतंकवादी हमले में अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. उनका निधन भारत के लिए एक बहुत बड़ा सदमा था. उनका निधन भारत को एक गहरा आघात पहुंचाने वाला था.
On his death anniversary today, I pay my tributes to our former Prime Minister Shri Rajiv Gandhi Ji.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 21, 2025
राजीव गांधी भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे और 40 साल की उम्र में उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला था. उनका नजरिया बेहद आधुनिक था और उन्होंने भारत को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई थीं. वह हमेशा देश के विकास और समृद्धि की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित रहे.
आतंकवाद विरोधी दिवस: एक महत्वपूर्ण अवसर
राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर हर साल आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है. यह दिन भारत में आतंकवाद और हिंसा से उत्पन्न खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. आतंकवाद विरोधी दिवस का उद्देश्य केवल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना नहीं है बल्कि यह भी है कि समाज के हर हिस्से में आतंकवाद और हिंसा के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाई जाए.
राजीव गांधी के योगदान की यादें
राजीव गांधी का योगदान सिर्फ उनके प्रधानमंत्रित्व तक ही सीमित नहीं था बल्कि उनकी सोच और दृष्टिकोण ने भारतीय राजनीति और समाज को एक नया मोड़ दिया था. वह हमेशा यह मानते थे कि भारत को एक सशक्त और आधुनिक राष्ट्र बनाना है जहां हर नागरिक को समान अवसर मिलें. उनकी पुण्यतिथि पर हर साल सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक संस्थानों में आतंकवाद विरोधी शपथ ली जाती है. यह शपथ यह सुनिश्चित करती है कि लोग एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे और समाज में भाईचारे को बढ़ावा देंगे.
देश को एकजुट करने की ओर एक अहम कदम
आतंकवाद विरोधी दिवस का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह राष्ट्रीय एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने का एक अवसर होता है. इस दिन का उद्देश्य सभी जातियों, धर्मों और लिंगों के लोगों को एक साथ लाकर आतंकवाद को समाप्त करने के लिए एकजुट होना है.


