क्या कर्नाटक सीएम की कुर्सी का सुलझ गया विवाद? सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बयान के क्या हैं मायने
कर्नाटक में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान के बीच सीएम सिद्धारमैया से डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने मुलाकात की. इस खास मुलाकात के बाद एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमे कई बड़े खुलासे किये गए.

कर्नाटक में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान के बीच सीएम सिद्धारमैया से डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने मुलाकात की. दोनों की यह खास मुलाकात सिद्धारमैया के आवास पर नाश्ते के दौरान हुई.
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के मुलाकात के बाद दोनों ने बेंगलुरु में एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि दोनों की बीच कोई मतभेद नहीं है. बल्कि भविष्य में भी कोई मतभेद नहीं देखने को मिलेंगे.
सिद्धारमैया ने बताया अपना एजेंडा
डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने ब्रेकफास्ट मीटिंग के बाद अपना एजेंडा लोगों के सामने रखा. उन्होंने बताया कि उनका एजेंडा 2028 का चुनाव है. साथी ही लोकल बॉडी चुनाव जरूरी हैं. उन्होंने बताया कि 2028 के चुनावों में कांग्रेस को वापस लाने पर भी चर्चा की है.
मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान को जिन लोगों ने हवा देने की कोशिश की थी, उनपर पलटवार करते हुए सिद्धारमैया ने कहा, ''हमने चर्चा की कि हम साथ मिलकर आगे जाएंगे, हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं और भविष्य में भी कोई मतभेद नहीं होंगे''
सीएम की कुर्सी को लेकर कन्फ्यूजन हुआ दूर
सिद्धारमैया सीएम की कुर्सी को लेकर चल रहे विवाद पर कहा कि दोनों लोगों ने तय किया है कि हाईकमान जो भी कहेगा, हम उसे मानेंगे. पहले भी इस कुर्सी को लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं थी और ना ही अब है. कुछ मीडिया रिपोर्टर्स ने यह कन्फ्यूजन पैदा किया है.
कॉन्फ्रेंस के दौरान सिद्धारमैया ने यह भी बताया कि कुछ MLA मंत्री बनना चाहते हैं, इसलिए वो लोग हाईकमान से मिलने गए होंगे. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वह लीडरशिप के खिलाफ है. कुछ MLA ने सिद्धारमैया से मुलाकात की और उन्हें बताया कि वे दिल्ली किस उद्देश्य से गए थे.
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच क्या था विवाद ?
दरअसल सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए विवाद चल रहा था. कर्नाटक चुनाव के दौरान कांग्रेस हाईकमान ने वादा किया था कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों को सीएम बनने का मौका मिलेगा.
शुरूआती ढाई साल सिद्धारमैया सीएम पद का भार संभालेंगे. वहीं आखिरी के ढाई साल डीके शिवकुमार को सीएम पद का भार सौंपा जाएगा. अब ढाई साल पूरे होने को है, ऐसे में कर्नाटक सीएम पद के लिए राजनीति तेज हो गई.
क्या सुलझ गया विवाद
दोनों नेताओं ने विवाद को सुलझा लिया है क्योंकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इसी तरफ इशारा किया. हालांकि, उनका ये भी कहना है कि वे उसी फैसले का सम्मान करेंगे, जो हाई कमान कहेगा. ऐसे में इस बयान से भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.


