UP समेत 6 राज्यों में SIR की तारीख बढ़ी, जानिए नई समय सीमा
देश में मतदाता सूची को अद्यतन और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की समय सीमा एक बार फिर बढ़ा दी गई है.

देश में मतदाता सूची को अद्यतन और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग की ओर से चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की समय सीमा एक बार फिर बढ़ा दी गई है. मंगलवार तक कई राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी होनी थी, लेकिन आयोग ने छह राज्यों को अतिरिक्त समय देते हुए अंतिम तिथि आगे बढ़ाने का फैसला किया है.
यूपी में एसआईआर पूरा करने की नई आखिरी तारीख 31 दिसंबर
यह कदम राज्यों में चल रही पुनरीक्षण गतिविधियों की गति, स्थानीय परिस्थितियों और मतदाता सूचियों को अधिक सटीक बनाने की आवश्यकता को देखते हुए उठाया गया है. सबसे बड़ा बदलाव उत्तर प्रदेश में किया गया है, जहां एसआईआर पूरा करने की नई आखिरी तारीख 31 दिसंबर तय की गई है.
यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां करोड़ों मतदाताओं के रिकॉर्ड की जांच होनी है. आयोग के अनुसार राज्य में लगभग 90 प्रतिशत फॉर्म वितरण का काम पूरा हो चुका है और करीब 80 फीसदी लोग अपने फॉर्म भरकर जमा भी कर चुके हैं. बावजूद इसके, शेष कार्य को ध्यान में रखते हुए पुनरीक्षण अवधि दो सप्ताह बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
इसके अलावा दक्षिण भारत के तमिलनाडु और पश्चिम भारत के गुजरात में यह अवधि 19 दिसंबर तक बढ़ाई गई है. दोनों राज्यों में एसआईआर कार्य लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन कई जिलों में फील्ड वेरिफिकेशन अभी जारी है. इसलिए बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को थोड़ा और समय देने का अनुरोध राज्य चुनाव विभागों की ओर से किया गया था. आयोग के अनुसार, इन राज्यों में नई तारीख तय करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी योग्य मतदाता का नाम सूची से न छूटे.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एसआईआर की समय सीमा बढ़ी
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी एसआईआर की समय सीमा बढ़ा दी गई है, जहां नई अंतिम तिथि 23 दिसंबर निर्धारित की गई है. इन तीनों क्षेत्रों में भी पुनरीक्षण कार्य व्यापक स्तर पर चल रहा है और खासकर कई ग्रामीण तथा दूरदराज़ के इलाकों में अधिकारियों को आवश्यक दस्तावेज और सत्यापन एकत्रित करने में अतिरिक्त समय की जरूरत महसूस हुई.
इससे पहले भी चुनाव आयोग ने एसआईआर की समय सीमा एक बार बढ़ाई थी. 30 नवंबर को आयोग ने घोषणा की थी कि पुनरीक्षण प्रक्रिया को एक सप्ताह और बढ़ाया जा रहा है. तब आयोग ने स्पष्ट कहा था कि जिन राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है, वहां अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को जारी की जाएगी. यानी डेडलाइन भले बढ़ रही है, लेकिन निर्धारित समय पर देश को अद्यतन मतदाता सूची उपलब्ध कराने का लक्ष्य जस का तस बना हुआ है.
चुनाव आयोग द्वारा चलाया जा रहा यह कार्यक्रम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका लक्ष्य मतदाता सूची को अधिक शुद्ध और त्रुटिरहित बनाना है. अक्सर शिकायतें आती रहती हैं कि मतदाता सूची में मृत व्यक्तियों के नाम बने रहते हैं, एक ही व्यक्ति का नाम दो बार दर्ज पाया जाता है या फिर कई युवाओं के नाम समय पर जुड़ नहीं पाते. ऐसे में एसआईआर के दौरान बूथ-स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर न सिर्फ पहचान सत्यापन करते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके नए युवाओं के नाम सूची में शामिल हो जाएं.
देश के 12 राज्यों में चल रही प्रक्रिया
इस पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत मृत मतदाताओं, स्थान बदल चुके लोगों और डुप्लीकेट नामों को हटाया जा रहा है. वहीं जिन मतदाताओं के नाम विशेष कारणों से सूची में नहीं थे, उन्हें दस्तावेज सत्यापन के बाद शामिल किया जा रहा है. चुनाव आयोग ने बताया कि देश के 12 राज्यों में यह प्रक्रिया चल रही है और लगभग 50 करोड़ मतदाताओं का रिकॉर्ड छानबीन के दायरे में है. इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं का सत्यापन अपने आप में एक विशाल प्रशासनिक अभियान है.
हालांकि, एसआईआर को लेकर कुछ राज्यों में विरोध भी सामने आया है. विपक्षी दलों और कुछ सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया कि पुनरीक्षण के समय में हो रहा विस्तार राजनीतिक फायदे या नुकसान को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. हालांकि आयोग ने इन आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह तकनीकी और प्रशासनिक दृष्टि से संचालित की जा रही है. इसका उद्देश्य केवल भरोसेमंद और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करना है.


