मद्रास हाई कोर्ट ने मवेशियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए, कहा- 'अब नहीं होगा कोई गलत व्यवहार!"
मद्रास उच्च न्यायालय ने मवेशियों के मानवीय परिवहन को लेकर कड़े दिशा-निर्देश दिए हैं. अदालत ने पशु क्रूरता के मामलों में गंभीरता से कदम उठाते हुए बताया कि मवेशियों को यात्रा के दौरान उचित जगह, पानी और खाने की सुविधा मिलनी चाहिए. इसके अलावा, अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मवेशियों के साथ कोई भी अमानवीय व्यवहार न हो. जानिए इस फैसले के बाद मवेशियों के हक में कौन-कौन से कदम उठाए जाएंगे.

Cattle Transport: मद्रास उच्च न्यायालय ने मवेशियों के परिवहन के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें उनकी सुरक्षा, आराम और मानवीय हालत को प्राथमिकता दी गई है. यह फैसला उन याचिकाओं को खारिज करने के बाद आया, जिसमें मवेशियों के अमानवीय परिवहन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.
न्यायमूर्ति एम निर्मल कुमार ने अदालत में सुनवाई करते हुए कहा कि मवेशियों के परिवहन में जगह, उचित प्रमाणीकरण और बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. अदालत ने 117 मवेशियों को अमानवीय हालत में आंध्र प्रदेश से केरल भेजे जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह के परिवहन से पशु क्रूरता निवारण कानून का उल्लंघन हुआ है.
मवेशियों के लिए कड़े दिशा-निर्देश
मद्रास उच्च न्यायालय ने मवेशियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इनमें मुख्य रूप से मवेशियों को स्थान, उचित हवा और तापमान, साथ ही खाने-पीने की पर्याप्त व्यवस्था मिलनी चाहिए. इसके अलावा, इन मवेशियों के साथ यात्रा करने के दौरान पशु चिकित्सा प्रमाणपत्र होना चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्रा के दौरान मवेशियों की सुरक्षा की जा रही है. अदालत ने यह भी कहा कि कोई भी मालवाहक वाहन छह से अधिक मवेशियों को नहीं ले सकता और उनका उचित देखभाल सुनिश्चित करना अनिवार्य है. साथ ही, यात्रा के दौरान मवेशियों के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जानी चाहिए.
पशु क्रूरता निवारण कानून का उल्लंघन
इस मामले में मवेशियों को एक अस्वास्थ्यकर और अमानवीय तरीके से ले जाया जा रहा था. मवेशियों को पर्याप्त भोजन, पानी और खड़ा होने की जगह नहीं दी जा रही थी. इसके अलावा, मवेशियों की आंखों में मिर्च छिड़कने जैसे अत्याचार भी किए जा रहे थे. अदालत ने इन सभी मामलों को गंभीरता से लिया और न्यायिक प्रक्रिया के तहत कदम उठाए.
निर्णय और भविष्य के लिए दिशा-निर्देश
अदालत ने याचिकाकर्ताओं की अपील को खारिज करते हुए मवेशियों को गोशालाओं में रखने का आदेश दिया. साथ ही, भविष्य में मवेशियों के मानवीय परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाने की बात की. इन कदमों में यात्रा के दौरान मवेशियों को पर्याप्त जगह, वेंटिलेशन और तापमान नियंत्रण प्रदान करना, साथ ही यात्रा के बाद मवेशियों की जांच करना शामिल है. मद्रास उच्च न्यायालय का यह फैसला न केवल मवेशियों के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि यह पशु कल्याण को लेकर सरकार और समाज को जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.