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सुप्रीम कोर्ट ने बदला पुराना आदेश, दिल्ली में अब 10 साल पुराने डीजल-15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का क्या होगा?

दिल्ली की सांसों को बचाने की जंग में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम मोड़ लिया है. अगस्त में कोर्ट ने 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर सख्त कार्रवाई रोक दी थी, जिससे लाखों वाहन मालिकों को राहत मिली थी.लेकिन अब कोर्ट ने अपने फैसले में ट्विस्ट लाते हुए बुधवार को साफ कर दिया कि ये राहत सिर्फ BS-4 या BS-6 वाली गाड़ियों तक सीमित रहेगी.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेश में अहम बदलाव किया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को लेकर जो राहत दी गई थी, वह सभी वाहनों पर लागू नहीं होगी. यह छूट अब केवल BS-IV और BS-VI एमिशन नॉर्म्स वाली गाड़ियों तक सीमित रहेगी.

इस नए आदेश के बाद दिल्ली और NCR में लाखों पुरानी गाड़ियों पर फिर से कार्रवाई का रास्ता खुल गया है. कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि प्रदूषण को देखते हुए BS-III और उससे पुराने इंजन वाली गाड़ियों के खिलाफ सख्ती जारी रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों बदला अपना फैसला?

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्य बागची और जस्टिस विपुल एम पंचोली की पीठ ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) की याचिका पर यह आदेश देते हुए पीठ ने साफ कहा कि केवल BS-IV और BS-VI कम्प्लायंट गाड़ियां ही, अगर 15 साल से अधिक पुरानी हैं, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. इसका मतलब है कि BS-IV से पहले की पुरानी गाड़ियों पर अब सख्ती से नियम लागू किए जा सकते हैं.

कितनी गाड़ियां होंगी प्रभावित?

भारत में 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों में आमतौर पर BS-III इंजन लगे होते हैं. इस आदेश का असर बेहद बड़ा है:-

  • 14.7 लाख से ज्यादा BS-I गाड़ियां

  • 38.7 लाख से ज्यादा BS-II गाड़ियां

  • 53.7 लाख से ज्यादा BS-III गाड़ियां

  • इनमें कारें, दोपहिया, तिपहिया, बसें और मालवाहक वाहन शामिल हैं.

पहले क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?

इससे पहले 12 अगस्त के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के खिलाफ जबरन कार्रवाई न की जाए. लेकिन मौजूदा वायु गुणवत्ता (AQI) को देखते हुए कोर्ट ने अब BS-IV से पहले की गाड़ियों पर कार्रवाई की अनुमति दे दी है.

दिल्ली सरकार का क्या कहना है?

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि फिलहाल BS-VI से नीचे की गाड़ियां दिल्ली में एंट्री नहीं कर सकतीं है. बिना वैध PUC सर्टिफिकेट के ईंधन नहीं मिलेगा. दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-IV डीजल गाड़ियों को नहीं रोका जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश का अध्ययन किया जा रहा है.

CAQM ने BS-III गाड़ियों पर क्यों जताई चिंता?

CAQM ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पुराने इंजन वाली गाड़ियां प्रदूषण में बड़ा योगदान देती हैं और इन्हें किसी तरह की छूट नहीं मिलनी चाहिए. CAQM के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-NCR में 2.88 करोड़ वाहन सड़कों पर हैं. इनमें से 93% हल्के वाहन (कार और दोपहिया) हैं करीब 37% वाहन BS-III या उससे पुराने हैं.

प्रदूषण कितना ज्यादा फैलाती हैं पुरानी गाड़ियों से?

CAQM द्वारा कोर्ट में पेश डेटा के अनुसार BS-III और उससे पुराने वाहन:-

  • 2.5 से 31 गुना ज्यादा पार्टिकुलेट मैटर

  • 6.25 से 12 गुना ज्यादा नाइट्रोजन ऑक्साइड

  • 1.28 से 5.4 गुना ज्यादा कार्बन मोनोऑक्साइड

उत्सर्जित करते हैं. एमिकस क्यूरी सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि BS-IV मानक 2010 में लागू हुए थे, जबकि BS-III मॉडल उससे पहले के हैं.

क्या है इस फैसले का मतलब?

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश साफ संकेत देता है कि दिल्ली-NCR में प्रदूषण से निपटने के लिए अब पुरानी गाड़ियों पर कोई ढील नहीं दी जाएगी, सिवाय उन गाड़ियों के जो BS-IV या BS-VI मानकों पर खरी उतरती हैं.

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18 December 2025, 02:47 PM IST

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