तेजस की डिलीवरी में देरी...सरकार ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी, जल्द हल निकालने पर जोर
भारतीय वायुसेना को तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान की सख्त जरूरत है, लेकिन डिलीवरी में हो रही देरी ने चिंता बढ़ा दी है. हालात को संभालने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक पांच सदस्यीय कमेटी बना दी है, जो इस देरी के कारणों की जांच कर जल्द समाधान निकालेगी. एचएएल का दावा है कि तकनीकी दिक्कतें सुलझा ली गई हैं और जल्द ही वायुसेना को तेजस मिलने शुरू हो जाएंगे. लेकिन क्या वाकई अब तेजस समय पर मिलेगा या फिर यह मामला और लटक जाएगा? पूरी खबर पढ़ें, जानें क्या है पूरा मामला!

Tejas Delivery Stuck: भारतीय वायुसेना के लिए हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए की डिलीवरी में देरी अब एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है. परिचालन स्क्वाड्रनों की संख्या में लगातार कमी हो रही है, और ऐसे में वायुसेना 83 तेजस जेट्स के ऑर्डर पर निर्भर है. इस समस्या को जल्द से जल्द हल करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है.
तेजस की देरी पर रक्षा मंत्रालय की सख्ती
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी को तेजस के उत्पादन में आ रही बाधाओं की पहचान करनी है और डिलीवरी में तेजी लाने के लिए उपाय सुझाने हैं. कमेटी को अपनी रिपोर्ट एक महीने के भीतर सौंपनी होगी. यह फैसला तब लिया गया जब वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने तेजस की आपूर्ति में हो रही देरी पर चिंता जताई.
एचएएल का दावा – जल्द होगी डिलीवरी
तेजस विमान का निर्माण करने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने हाल ही में भरोसा दिलाया था कि वह जल्द ही भारतीय वायुसेना को तेजस की आपूर्ति शुरू कर देगा. एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डी.के. सुनील ने कहा कि देरी का कारण सिर्फ़ उद्योग की सुस्ती नहीं थी, बल्कि कुछ तकनीकी दिक्कतें भी थीं, जिन्हें अब हल कर लिया गया है.
उन्होंने एयरो इंडिया 2025 कार्यक्रम के दौरान कहा, "हमने विभिन्न स्तरों पर कई बैठकें की हैं. अब सभी संरचनाएं तैयार हैं और जैसे ही इंजन उपलब्ध होगा, हम डिलीवरी शुरू कर देंगे."
वायुसेना की बढ़ती चिंता
तेजस की देरी को लेकर एक कथित वीडियो में वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने चिंता जताई थी. भारतीय वायुसेना को जल्द से जल्द तेजस की जरूरत है, क्योंकि पुराने विमान धीरे-धीरे रिटायर हो रहे हैं और स्क्वाड्रनों की संख्या कम हो रही है. ऐसे में, नई कमेटी के सुझाव और एचएएल का वादा यह तय करेगा कि वायुसेना को तेजस कितनी जल्दी मिल पाता है.
क्या तेजस की देरी पर लगेगा ब्रेक?
सरकार और वायुसेना की इस कड़ी नजर के बाद उम्मीद की जा रही है कि तेजस की डिलीवरी में अब तेजी आएगी. एचएएल ने भरोसा तो दिया है, लेकिन असल परीक्षा तब होगी जब वायुसेना को समय पर तेजस मिलना शुरू हो जाए. अब देखना यह है कि कमेटी की रिपोर्ट और एचएएल की योजना मिलकर इस समस्या को कितनी जल्दी हल कर पाती है.


