अपहरण के चक्कर में फंसे हरियाणा और पंजाब के दो युवक, सरकार से मदद की गुहार – क्या सच में अब कोई सुरक्षित है?
ग्वाटेमाला में दो युवकों का अपहरण हो गया, जब वे अमेरिका जाने की चाहत में निकले थे. अपहरणकर्ताओं ने 20,000 डॉलर की फिरौती मांगी है. परिवार ने सरकार से अपील की है कि उनके बच्चों को जल्दी सुरक्षित वापस लाया जाए. ग्वाटेमाला में दोनों युवकों को प्रताड़ित किया गया और मदद की गुहार लगाई गई. सवाल ये है कि इस तरह के अवैध रास्तों से विदेश जाने का सपना अब कितनी जिंदगियां खतरे में डालेगा? सरकार इस मामले में क्या कदम उठाएगी?

Kidnapping Case: हरियाणा और पंजाब के दो युवकों के ग्वाटेमाला में अपहरण की खबर ने परिवार वालों की रातों की नींद उड़ा दी है. दोनों युवक बेहतर भविष्य की तलाश में अमेरिका जाने के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते में ही उन्हें बंधक बना लिया गया. अपहरणकर्ताओं ने उनकी रिहाई के बदले 20,000 डॉलर की फिरौती मांगी है.
कैथल में परिजनों का हंगामा, सरकार से मदद की गुहार
हरियाणा के कैथल जिले के मोहना गांव में अपहरण की खबर फैलते ही हड़कंप मच गया. युवकों के परिजन और गांववाले पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश कालिया से मिलने पहुंचे और सरकार से अपील की कि उनके बच्चों को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाया जाए.
कैसे फंसे अपहरणकर्ताओं के जाल में?
पीड़ित युवराज सिंह हरियाणा के कैथल जिले के रहने वाले हैं, जबकि दूसरा युवक पंजाब के होशियारपुर का बताया जा रहा है. युवराज के पिता कुलदीप सिंह ने बताया कि उनके बेटे ने एक एजेंट के जरिए कानूनी तरीके से अमेरिका जाने की योजना बनाई थी.
एजेंट ने कुल 41 लाख रुपये का सौदा तय किया, जिसमें से 2 लाख रुपये एडवांस दे दिए गए थे. अक्टूबर में युवराज की यात्रा शुरू हुई, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, एजेंट ने अलग-अलग बहाने बनाकर 14 लाख रुपये और मांगे.
वीडियो भेजकर मांगी फिरौती, बंदूक की नोक पर प्रताड़ना
परिजनों के मुताबिक, जब युवराज ग्वाटेमाला पहुंचा तो वहां अपहरणकर्ताओं ने उसे पकड़ लिया. परिवार को एक वीडियो भेजा गया, जिसमें युवराज और उसके साथ मौजूद पंजाब के युवक को प्रताड़ित किया जा रहा था. दोनों युवक हाथ जोड़कर मदद की गुहार लगा रहे थे, जबकि अपहरणकर्ता 20,000 डॉलर (लगभग 16 लाख रुपये) की फिरौती की मांग कर रहे थे.
एजेंट फरार, पुलिस ने शुरू की जांच
युवराज के पिता ने बताया कि जिस एजेंट ने यह यात्रा प्लान की थी, वह अब फरार है. परिजनों ने पुलिस से मांग की है कि उन एजेंटों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. डीएसपी गुरविंदर सिंह ने भरोसा दिलाया है कि मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सवाल जो उठ रहे हैं
- आखिर कब तक लोग अवैध तरीकों से विदेश जाने के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डालते रहेंगे?
- एजेंटों के खिलाफ ठोस कार्रवाई क्यों नहीं होती?
- सरकार ऐसे मामलों में किस हद तक मदद कर सकती है?
अब देखना होगा कि भारतीय सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और क्या ये दोनों युवक सुरक्षित अपने घर लौट पाएंगे या नहीं?


