पत्नी के साथ जबरदस्ती अप्राकृतिक सेक्स करना अपराध नहीं: हाईकोर्ट
अदालत ने कहा कि यदि पत्नी की आयु 15 वर्ष से कम नहीं है तो पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ किया गया यौन संबंध या यौन कृत्य बलात्कार नहीं है.

Chhattisgarh HC: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि सहमति से या बिना सहमति के बालिग पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने पर पति पर बलात्कार या अप्राकृतिक यौन संबंध का आरोप नहीं लगाया जा सकता. इसी मामले में पति को निचली अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी, लेकिन अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उसे बरी कर दिया.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार , न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार व्यास की एकल पीठ ने कहा कि यौन संबंध/अप्राकृतिक संबंध में पत्नी की 'सहमति' महत्वहीन है. वेबसाइट के अनुसार, पीठ ने कहा, "इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि यदि पत्नी की आयु 15 वर्ष से कम नहीं है, तो पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ किया गया कोई भी यौन संबंध या यौन कृत्य इन परिस्थितियों में बलात्कार नहीं कहा जा सकता. क्योंकि अप्राकृतिक कृत्य के लिए पत्नी की सहमति का अभाव अपना महत्व खो देता है, इसलिए इस न्यायालय की यह सुविचारित राय है कि अपीलकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 377 के तहत अपराध नहीं बनता है."
मामला क्या है?
आरोप है कि 11.12.2017 की रात को एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की इच्छा के विरुद्ध उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए. घटना के बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. बाद में महिला की मौत हो गई. अपने मरने से पहले दिए गए बयान में महिला ने कहा था कि कि उसके पति ने उसके साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाए. बाद में डॉक्टरों ने पाया कि महिला की मौत पेरिटोनिटिस और मलाशय में छेद की वजह से हुई.
पति को 10 साल की मिली थी सजा
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि अगर पत्नी की उम्र 15 साल से कम नहीं है तो पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ किया गया यौन संबंध या यौन क्रिया बलात्कार नहीं माना जाएगा. इसलिए, कोर्ट ने कहा कि किसी भी अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध नहीं माना जा सकता. पति को निचली अदालत द्वारा 10 वर्ष के कारावास की सजा दी गई थी, तथा उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया गया.


