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सिर्फ लड़कियों को लगेगी एचपीवी वैक्सीन, जानें क्यों जरुरी है, यदि नहीं लगवाई तो क्या होगा? 

स्वास्थ्य विभाग किशोरियों के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस संबंध में पहले से ही कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत किशोरियों को एनीमिया, मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित किया जा रहा है। अब स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य उप-केंद्रों को भी इस टीकाकरण अभियान से जोड़ा जाएगा, ताकि हर किशोरी को इस महत्वपूर्ण टीके का लाभ मिल सके।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

बच्चेदानी के मुंह के कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों को मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के विरुद्ध टीका लगाया जाएगा। जिले में यह टीकाकरण 11 फरवरी से शुरू हो गया है। डीएम प्रशांत कुमार ने सीएच जिला मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय से टीकाकरण अभियान का उद्घाटन किया। यह टीकाकरण मुख्यमंत्री बालिका कैंसर टीकाकरण योजना के तहत गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से बचाव के लिए किया गया है। इस योजना के तहत गोपालगंज को प्रथम चरण में एचपीवी वैक्सीन की 316 खुराकें उपलब्ध कराई गई हैं, जो स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं को दी जाएंगी।

9 से 14 वर्ष की आयु की बेटियों को टीका लगाना जरुरी 

डा. बीरेन्द्र प्रसाद ने सभी माता-पिता से अपील की है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनकी 9 से 14 वर्ष की आयु की बेटियों को एचपीवी टीका अवश्य लगवाया जाए। इसके लिए जिले के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष टीकाकरण शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा स्कूलों में भी यह टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इस टीकाकरण अभियान से बालिकाओं को गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर जैसी घातक बीमारियों से बचाने में मदद मिलेगी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिसके माध्यम से एक स्वस्थ समाज और सुरक्षित भविष्य का निर्माण किया जा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे घातक कैंसर 

जिला टीकाकरण अधिकारी डा. ए.के. चौधरी ने कहा कि गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे घातक कैंसर है, जो हर साल हजारों महिलाओं को प्रभावित करता है। एचपीवी वायरस गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर का मुख्य कारण है, और इसे एचपीवी वैक्सीन से रोका जा सकता है। यह टीका 9 से 14 वर्ष की आयु के बीच सबसे अधिक प्रभावी है, क्योंकि इस आयु में टीकाकरण से शरीर में बेहतर प्रतिरक्षा विकसित होती है। यह न केवल गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर से बल्कि गुदा और जननांग कैंसर से भी सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि गोपालगंज को पहले चरण में 316 टीके मिले हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिक से अधिक किशोरियों को यह टीका मिले।

एचपीवी टीका प्रभावी और सुरक्षित 

विशेषज्ञों के अनुसार, एचपीवी टीका पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है। यह टीका दो खुराकों में दिया जाता है और इसका कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस टीके के साथ-साथ स्वच्छ जीवनशैली, सुरक्षित यौन व्यवहार और नियमित जांच से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को पूरी तरह से रोका जा सकता है।

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11 February 2025, 07:53 PM IST

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