बीरेन के इस्तीफे के बाद मणिपुर में नया सीएम चुनने में भाजपा असफल, राष्ट्रपति शासन लगाने के लगाए जा रहे कयास
मणिपुर भाजपा प्रमुख ए शारदा देवी ने कहा कि एन बीरेन सिंह का यह फैसला राज्य की अखंडता की रक्षा और जन कल्याण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा, "2017 से बीरेन सिंह मणिपुर के विकास के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। उनका इस्तीफा राज्य की अखंडता की रक्षा के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने की संभावना है, क्योंकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के दो दिन बाद भी मुख्यमंत्री पद के लिए नए नेता के नाम की घोषणा करने में विफल रहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। बीरेन सिंह का इस्तीफा ऐसी खबरों के बीच आया है कि कुछ भाजपा विधायक कांग्रेस द्वारा राज्य विधानसभा में लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर सकते हैं। मणिपुर में स्थिति तब से तनावपूर्ण बनी हुई है जब मई 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़क उठी थी जिसमें 250 लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे।
कब लगाया जाता है राष्ट्रपति शासन?
संविधान के अनुच्छेद 356 के अनुसार, राष्ट्रपति शासन लागू होने पर राज्य सरकार के सभी कार्य केंद्र को तथा राज्य विधानमंडल के कार्य संसद को हस्तांतरित हो जाएंगे। केवल उच्च न्यायालयों का कामकाज अपरिवर्तित रहेगा। राष्ट्रपति शासन तब लागू होता है जब राष्ट्रपति, राज्यपाल से रिपोर्ट प्राप्त करने पर, "इस बात से संतुष्ट हो जाते हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राज्य की सरकार इस संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाई जा सकती"।
एन बीरेन सिंह ने क्यों दिया इस्तीफा
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के दो साल बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्य भाजपा में उनके नेतृत्व के खिलाफ असंतोष के बीच उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी सरकार कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव और फ्लोर टेस्ट की संभावना का सामना कर रही है।


