गाजा में सैनिक भेजना मुनीर के लिए सबसे बड़ा टेस्ट, अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों पर नजर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए कई मुस्लिम देशों से एक संयुक्त फोर्स तैनात करने का प्रस्ताव रखा है. इसमें पाकिस्तान से भी योगदान मांगा गया है.

पड़ोसी देश पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के सामने अब सबसे बड़ा राजनीतिक और कूटनीतिक इम्तिहान आने वाला है. यह चुनौती सीधे तौर पर अमेरिका के साथ संबंधों और गाजा की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए कई मुस्लिम देशों से एक संयुक्त फोर्स तैनात करने का प्रस्ताव रखा है. इसमें पाकिस्तान से भी योगदान मांगा गया है.
कई मुस्लिम देशों ने जताई चिंताएं
इस योजना के तहत गाजा में भेजे जाने वाले सैनिक वहां युद्ध से तबाह इलाकों में पुनर्निर्माण और आर्थिक सुधार में मदद करेंगे. हालांकि कई मुस्लिम देशों ने इस प्रस्ताव को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं. उनका मानना है कि गाजा में सक्रिय हमास को पीछे धकेलने की कोशिश सीधे संघर्ष में बदल सकती है और उनके देश में फिलिस्तीन समर्थक समूहों का गुस्सा भड़क सकता है.
पाकिस्तान के लिए यह स्थिति बेहद नाजुक है. अमेरिका की ओर से दबाव के चलते अगर मुनीर अपने सैनिकों को गाजा भेजते हैं, तो उन्हें देश के अंदर राजनीतिक और सामाजिक विरोध का सामना करना पड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह मुनीर के नेतृत्व और नीति निर्णय का असली परीक्षा होगा. अटलांटिक काउंसिल के सीनियर फेलो माइकल कुगलमैन के अनुसार, अमेरिका की नजर में अच्छा बने रहना पाकिस्तान के लिए जरूरी है, क्योंकि उसे निवेश और सुरक्षा सहायता की बेहद जरूरत है.
वहीं, देश के भीतर सबसे बड़ा खतरा यह है कि इस मिशन के कारण इस्लामी दलों का तीखा विरोध सामने आ सकता है. पाकिस्तान में ऐसे राजनीतिक और धार्मिक समूह हजारों लोगों को सड़कों पर उतारने की क्षमता रखते हैं. सिंगापुर के एस राजरत्नम स्कूल के विशेषज्ञ अब्दुल बासित का कहना है कि अगर गाजा में हालात बिगड़े और पाकिस्तान की सेना वहां मौजूद रहे, तो देश के अंदर भी स्थिति जल्दी तनावपूर्ण हो सकती है. लोग इसे अमेरिका और इजरायल के इशारे पर होने वाली कार्रवाई मान सकते हैं.
चुनौती से निपटने के लिए सक्रिय मुनीर
मुनीर इस चुनौती से निपटने के लिए सक्रिय हैं. पिछले कुछ हफ्तों में उन्होंने इंडोनेशिया, मलेशिया, सऊदी अरब, तुर्की, जॉर्डन, मिस्र और कतर के सैन्य और अन्य अधिकारियों से कई दौर की बैठकें की हैं. विश्लेषकों का मानना है कि इन बैठकों में गाजा पर चर्चा का प्रमुख हिस्सा रहा. आने वाले हफ्तों में आसिम मुनीर अमेरिका जाने की योजना बना रहे हैं, जहां वे राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात कर इस नाजुक मसले को सुलझाने की कोशिश करेंगे.


