भजन के लिए नहीं, व्यवस्था सुधारने आए हैं हम, विधानसभा में योगी का सीधा संदेश, अपराध और नकल माफिया को खुली चेतावनी
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सरकार पूजा के लिए नहीं, जनता की सुरक्षा और व्यवस्था सुधारने के लिए बैठी है, और गलत काम करने वालों पर सख़्त कार्रवाई ही शासन का धर्म है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के आखिरी दिन मुख्यमंत्री का तेवर साफ था। उन्होंने कहा कि सरकार भजन करने के लिए नहीं बैठी है। अगर भजन करना होता तो मठ में बैठते। सरकार की जिम्मेदारी जनता की रक्षा करना है। कानून व्यवस्था बनाए रखना है। जो गलत करेगा, उसे रोका जाएगा। यह बात उन्होंने सीधे और सरल शब्दों में कही। सदन में मौजूद हर सदस्य तक यह संदेश पहुंचा कि शासन भावनाओं से नहीं, जिम्मेदारी से चलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोई हेकड़ी दिखाता है तो सरकार का काम है उसकी हेकड़ी ठीक करना। यही शपथ का मतलब है।
साधु-सुरक्षा और दुष्ट-दंड क्यों जरूरी?
मुख्यमंत्री ने संस्कृत के श्लोक का हवाला देकर बात समझाई। उन्होंने कहा कि सज्जन की रक्षा और दुर्जन को सजा देना ही शासन का मूल धर्म है। यह कोई नई बात नहीं है। सदियों से यही व्यवस्था चली आ रही है। उन्होंने साफ कहा कि समाज को सबसे पहले सुरक्षा चाहिए। बिना सुरक्षा के विकास नहीं हो सकता। कानून का राज होगा तभी गरीब, कमजोर और मेहनती लोग चैन से जी पाएंगे। यह बात उन्होंने बहुत सीधे लहजे में रखी, ताकि कोई भ्रम न रहे।
विपक्ष के सवालों का जवाब कैसे दिया?
सदन में विपक्ष ने शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष को लेकर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री ने शांत तरीके से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि नियुक्ति का मकसद साफ है। जैसे माफिया पर कार्रवाई हुई, वैसे ही नकल माफिया पर भी होगी। उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। आज का युवा मेहनत से नौकरी पा रहा है। पहले ऐसा नहीं था। उन्होंने विपक्ष के एक नेता की सरलता की तारीफ भी की, लेकिन गलतियों पर चुप नहीं रहे।
भर्तियों में पारदर्शिता क्यों अहम है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले भर्ती में योग्यता को महत्व नहीं मिलता था। नकल और सिफारिश चलती थी। अब ऐसा नहीं है। सरकार ने सिस्टम बदला है। तकनीक लाई है। निगरानी बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि नकल माफिया की आदत बिगड़ी थी, अब उसे सुधारने का काम सरकार करेगी। यह बात उन्होंने साफ शब्दों में कही ताकि युवाओं का भरोसा मजबूत हो।
बुलडोजर की चेतावनी किसके लिए?
मुख्यमंत्री ने अवैध कब्जों पर भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी या सार्वजनिक जमीन पर कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अगर कोई माफिया वहां गलत काम करेगा, तो बुलडोजर चलेगा। उसे कोई रोक नहीं पाएगा। उन्होंने साफ किया कि यह कार्रवाई किसी के साथ भेदभाव नहीं है। यह कानून के तहत है। जो नियम तोड़ेगा, उस पर कार्रवाई होगी।
सरकार की इच्छाशक्ति से क्या बदलता है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि सब कुछ सरकार की इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। अगर इरादा मजबूत हो तो व्यवस्था बदलती है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि अहंकार से काम नहीं चलता। काम करने से सम्मान मिलता है। आज उत्तर प्रदेश को देश और दुनिया में सम्मान मिल रहा है। यह सम्मान जनता का है। सरकार सिर्फ माध्यम है।
जनता को आखिर क्या चाहिए?
अपने भाषण के अंत में मुख्यमंत्री ने बात को सरल शब्दों में समेटा। उन्होंने कहा कि जनता को सुरक्षा चाहिए। कानून चाहिए। बिना डर के जीवन चाहिए। सरकार उसी दिशा में काम कर रही है। किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया। योजनाएं सबके लिए हैं। कानून सबके लिए है। यही संदेश विधानसभा से बाहर तक गया कि शासन का रास्ता साफ है और इरादा भी।


