पहलगाम अटैक के बाद एक्शन में उत्तराखंड पुलिस, सेना की वर्दी बेचने से पहले अब देनी होगी पूरी पहचान

पहलगाम आतंकी हमले के बाद देहरादून पुलिस ने सुरक्षा कड़ी करते हुए सेना व अर्धसैनिक बलों की वर्दी की बिक्री पर सख्ती बढ़ा दी है. अब पहचान पत्र, आधार, फोन और यूनिट जांच के बाद ही वर्दी बेची जाएगी.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और कार्रवाई तेज हो गई है. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक शामिल था. इस घटना के बाद देहरादून पुलिस ने सतर्कता बढ़ाते हुए सेना और अर्धसैनिक बलों की वर्दी की बिक्री को लेकर बड़ा फैसला लिया है.

देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह ने सभी थानाध्यक्षों को अपने क्षेत्र में मौजूद वर्दी और सुरक्षा बलों से जुड़ी वस्तुएं बेचने वाली दुकानों की लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं. खासकर पलटन बाजार जैसे क्षेत्रों में मौजूद दुकानदारों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे बिना उचित सत्यापन (verification) के किसी भी व्यक्ति को वर्दी ना बेचें.

दुकान पर वर्दी खरीदने से पहले कड़ी जांच अनिवार्य

SSP अजय सिंह ने बताया कि पहले पुराने बटालियन के लोग पलटन बाजार आकर वर्दी की खरीदारी करते थे. हमने हाल ही में कुछ दुकानों पर औचक निरीक्षण किया था. ऐसा पाया गया कि कुछ जगहों पर बिना पहचान के भी वर्दी बेची जा रही है. अब सभी दुकानदारों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि ग्राहक की पहचान पूरी तरह से सत्यापित करने के बाद ही वर्दी बेची जाए.

दुकानदारों को दी गई सख्त हिदायत

पलटन बाजार के दुकानदार सागर आहूजा ने बताया कि आज ही SSP साहब आए थे. उन्होंने साफ कहा कि अगर कोई वर्दी खरीदने आता है तो उसका आधार कार्ड, पहचान पत्र और फोन नंबर की जांच करनी होगी. फोन पर कॉल करके देखना होगा कि नंबर एक्टिव है या नहीं. इसके साथ ही ग्राहक का पता और यूनिट का नाम नोट करना जरूरी है. जब तक ये सभी जांचें पूरी ना हों, तब तक वर्दी नहीं बेची जाएगी.

आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था में सख्ती

22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. हमले के तुरंत बाद सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है. घरेलू सुरक्षा उपायों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत ने सख्त संदेश दिया है कि आतंक को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

पुलिस प्रशासन का मानना है कि सेना और अर्धसैनिक बलों की वर्दी का गलत इस्तेमाल कर आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है. ऐसे में ये जरूरी हो गया है कि इन वस्तुओं की बिक्री पूरी निगरानी और जिम्मेदारी के साथ की जाए. SSP अजय सिंह के अनुसार, ये कदम सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और संभावित खतरों को रोकने के लिए उठाया गया है.

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25 April 2025, 07:21 PM IST

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