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कौन है सैफुल्लाह खालिद? पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड जिसने बेसरान घाटी में बरपाया कहर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बेसरान घाटी में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले में 20 से अधिक लोगों की जान चली गई. खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले के पीछे लश्कर और TRF की आतंकी साजिशों का मास्टरमाइंड सैफुल्ला खालिद है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Pahalgam Terror Attack mastermind: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में 20 से अधिक लोगों की जान गई. इसकी जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है. TRF, पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, लश्कर और TRF की जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के पीछे जिस शख्स का दिमाग है, वह है आतंकी सैफुल्ला खालिद. यही व्यक्ति इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.

सैफुल्ला खालिद, जिसे सैफुल्ला कसूरी के नाम से भी जाना जाता है, लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ है और भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद का बेहद करीबी बताया जाता है. उसका नाम भारत में कई बड़े आतंकी हमलों से जुड़ा हुआ है.

लग्जरी गाड़ियों में चलता है आतंक का सरगना

सैफुल्ला खालिद हमेशा लग्जरी गाड़ियों में सफर करता है. उसकी सुरक्षा में तैनात लश्कर के आतंकवादी अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं. पाकिस्तान में उसका रसूख इतना है कि वहां के सेना अधिकारियों के बीच भी उसकी पकड़ मजबूत है. पाकिस्तानी सेना के जवानों को भड़काने और उनका मनोबल बढ़ाने का काम भी वह करता है.

पाकिस्तानी सेना के बुलावे पर दी जिहादी स्पीच

हमले से दो महीने पहले, सैफुल्ला खालिद पाकिस्तान के पंजाब स्थित कंगनपुर गया था, जहां पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी बटालियन तैनात है. उसे वहां पाकिस्तानी सेना के कर्नल जाहिद जरिन खट्टक ने बुलाया था, जहां उसने भारतीय सेना के खिलाफ जहर उगला और जिहादी भाषण दिया.

खैबर पख्तूनख्वा में भारत के खिलाफ उगला जहर

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आयोजित एक बैठक में सैफुल्ला ने कहा, "मैं वादा करता हूं कि आज 2 फरवरी 2025 है. हम पूरी कोशिश करेंगे कि 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर को कब्जे में ले लें. आने वाले दिनों में हमारे मुजाहिदीन हमलों को तेज करेंगे. हमें उम्मीद है कि 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर आज़ाद होगा." 

यह बैठक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और सेना के संयुक्त आयोजन में हुई थी, जिसमें भारी संख्या में हथियारबंद आतंकी शामिल हुए थे.

अब्बोटाबाद के जंगलों में चला आतंक का कैंप

एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक शाखा PMML और SML द्वारा अब्बोटाबाद के जंगलों में एक आतंकी कैंप लगाया गया था. इसमें सैकड़ों पाकिस्तानी लड़के शामिल हुए. सैफुल्ला कसूरी भी इस कैंप में मौजूद था और उसने इन लड़कों को टारगेट किलिंग के लिए चुना. वहां उसने भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर युवाओं को उकसाया.

पाकिस्तानी सेना की मदद से हुई घुसपैठ

इन लड़कों को आतंकी ट्रेनिंग देने के बाद, पाकिस्तानी सेना की मदद से उन्हें भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए भेजा गया. बता दें कि 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35A को हटाया गया था, जिसके बाद ISI ने लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों को छिपाने के लिए 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) का गठन किया. पाकिस्तानी सेना इस संगठन की पूरी मदद करती है.

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23 April 2025, 08:04 AM IST

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