कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति? रेस में ये नाम, आज बीजेपी की बैठक में होगा उम्मीदवार पर फैसला
भाजपा ने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज कर दी हैं, संभावित उम्मीदवारों में वीके सक्सेना, आरिफ मोहम्मद खान, आचार्य देवव्रत, थावरचंद गहलोत, ओम माथुर, मनोज सिन्हा, शेषाद्रि चारी और हरिवंश के नाम शामिल हैं, जबकि जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़े के बाद पीएम मोदी और जेपी नड्डा अंतिम फैसला करेंगे.

अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? ये सवाल लुटियन दिल्ली से लेकर भारत की जनता के मन में चल रहा है. उपराष्ट्रपति चुनाव में अब एक महीने से भी कम समय बचा है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवार को लेकर चर्चाएं तेज कर दी हैं. पार्टी नेतृत्व संभावित नामों पर गहन विचार कर रहा है और रविवार को होने वाली शीर्ष स्तरीय बैठक में उम्मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है. आज बीजेपी ऑफिस में उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के चयन के लिए चुनाव समिति की बैठक होनी है. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे.
संभावित दावेदारों के नाम
एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा जिन नामों पर विचार कर रही है, उनमें कई वर्तमान राज्यपाल और उपराज्यपाल शामिल हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रमुख दावेदार बताए जा रहे हैं.
इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े विचारक शेषाद्रि चारी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के नाम भी चर्चा में हैं. खासकर बिहार विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में हरिवंश का नाम राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है. हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवार वही होगा जो भाजपा की विचारधारा और आरएसएस के साथ उसकी नजदीकी हो.
पार्टी नेतृत्व के साथ हुई मुलाकातें
सूत्रों के अनुसार, पिछले एक महीने में कई राज्यपाल और उपराज्यपाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिल चुके हैं. इन मुलाकातों को संभावित दावेदारों के चयन से जोड़कर देखा जा रहा है.
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा
9 सितंबर को उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है. चुनाव आयोग ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. आपको बता दें कि मानसून सत्र के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ा, जबकि उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था. हालांकि आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य कारण सामने आए, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि धनखड़ और केंद्र सरकार के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई थी. कहा जाता है कि कुछ मामलों में स्वतंत्र रुख अपनाने और केंद्र के रुख से असहमति ने यह टकराव बढ़ाया. विशेषकर, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के महाभियोग से जुड़े रुख पर विवाद ने उनके इस्तीफ़े को और चर्चा में ला दिया.
राजनीतिक संकेत
भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अंतिम फैसला लेने का अधिकार दिया है. इससे यह साफ है कि उम्मीदवार के नाम का ऐलान शीर्ष नेतृत्व ही करेगा. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह चयन केवल उपराष्ट्रपति पद के लिए नाम तय करने की औपचारिकता नहीं होगी, बल्कि आने वाले महीनों में भाजपा किस राजनीतिक रणनीति और प्राथमिकताओं को सामने लाना चाहती है, इसका भी संकेत देगा.


