नितिन नबीन को BJP ने डायरेक्ट क्यों नहीं बनाया पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष...जानिए क्या कहता है भाजपा का संविधान ?
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार सरकार के मंत्री और वरिष्ठ नेता नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. यह व्यवस्था अंतरिम मानी जा रही है, क्योंकि खरमास के दौरान औपचारिक चुनाव नहीं होते. संगठनात्मक चुनाव लगभग पूरे हो चुके हैं, इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी के बाद संभव है. तब तक नितिन नबीन संगठन की जिम्मेदारियां संभालेंगे.

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने बिहार सरकार में मंत्री और पांच बार के विधायक रहे नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर हैरान कर देनेवाला कदम उठाया है. गौरतलब है कि बीजेपी के संविधान में कार्यकारी अध्यक्ष का कोई प्रावधान है ही नहीं. यह पद सबसे पहले जून 2019 में तब आया जब अमित शाह मोदी सरकार में गृह मंत्री बने और उनकी सहायता करने के लिए जे.पी. नड्डा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था.
आपको बता दें कि जे.पी. नड्डा करीब छह महीने तक कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर बने रहे और 20 जून 2020 को इन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया. अब नितिन नबीन को लेकर भी भाजपा ने वही फॉर्मूला दोहराया है. अब सवाल यह उठता है कि बिहार सरकार में मंत्री बने नितिन नबीन को सीधे पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों नहीं बनाया गया ?दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के अनुसार यह एक अंतरिम व्यवस्था है.
14 दिसंबर से शुरू हो रहा खरमास
बता दें कि आज शाम यानी 14 दिसंबर से खरमास शुरू होने जा रहा है, जो 14 जनवरी 2026 तक चलेगा. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता, इसलिए बीजेपी ने उससे पहले ही नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. इसके साथ ही अब यह कयास लगाए जा रहे है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव खरमास के बाद किया जाएगा. यानी 14 जनवरी के बाद पार्टी चुनाव कर सकती है.
क्या कहता है BJP का संविधान ?
हालांकि, बीजेपी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन चुनाव पूरे होने चाहिए. वर्तमान में 37 राज्य/ केंद्र शासित प्रदेशों में से 30 में चुनाव संपन्न हो चुके हैं. वही उत्तर प्रदेश में भी जल्द ही चुनाव संपन्न हो जाएंगे. उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है.
चुनाव प्रक्रिया में 4 दिन का समय लगता है
बीजेपी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया में कम से कम 4 दिन का समय लगता हैं. ऐसे में इस पद के लिए चुनाव जनवरी के अंत या फरवरी में होने की संभावना जताई जा रही है. इसके बाद अप्रैल में भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नितिन नबीन के चयन पर औपचारिक रूप से मुहर लग सकती है. बता दें कि जे.पी. नड्डा भी 20 जनवरी 2020 को ही बीजेपी के राष्ट्रयी अध्यक्ष चुने गए थे.
कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी के अंदर यह भी चर्चा हो रही है कि पश्चिम बंगंला चुनाव के बाद अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है. तक तक कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर नितिन नबीन ही संगठन के कामकाज को संभालेंगे और रोजमर्रा की जिम्मेदारियों से परिचित होंगे. ठीक उसी तरह जैसे की 2019 में अमित शाह के साथ जे.पी नड्डा ने काम किया था.
बिहार सरकार में मंत्री रहे नितिन नबीन को पार्टी ने उस समय राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार सौंपा है जब भाजपा को कई बड़ी चुनावों की तैयारी करना है. इस सब को देखते हुए कहा जा सकता है कि पार्टी चाहती है कि संगठनात्मक कामकाज में किसी भी तरह से कोई रुकावट न आए और नेतृत्व का संक्रमण सुचारु रूप से चलता रहे.


