इस मुगल शासक से भारत सरकार को क्यों है इतनी मोहब्बत, कब्र खोदने के लिए बनाई कमेटी
भारत सरकार एक मुगल शासक की कब्र खोदने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर भारत सरकार को इस मुगल बादशाह से इतनी मोहब्बत क्यों है कि उनकी कब्र खोदने के लिए कमेटी बनाई है. तो चलिए इन सवालों का जवाब जानते हैं.
![मुगल शासक](https://images.thejbt.com/uploadimage/library/16_9/16_9_0/___________________________1639221304_1710899944.webp)
भारत सरकार इन दिनों एक मुगल शासक की कब्र को खोजने के लिए एक कमेटी बनाई है. यह कमेटी लेखन और कुछ दस्तावेजों की मदद से उनकी कब्र खोजने की कोशिश कर रही है. यह कमेटी वास्तुकला, साहित्य के विशषेज्ञ है जिसके आधार पर उनकी कब्र की पहचान करने की कोशिश कर रही है. तो चलिए जानते हैं कि कौन है वह मुगल बादशाह जिसकी कब्र ढूंढने के लिए भारत सरकार इतनी दिलचस्पी दिखा रही है.
दरअसल, हम बात कर रहें है दारा शिकोह की जो शाहजहां के बडा बेटा था. इतिहासकारों के लेखन और दस्तावेजों से पता चलता है कि दारा शिकोह को दिल्ली में हुमायूं के मकबरे में कहां दफनाया गया था. हालांकि वह कब्र है कहां इसकी कोई जानकारी नहीं है इसलिए भारत सरकार ने दारा शिकोह का कब्र खोदने के लिए एक पुरातत्वविदों की कमेटी बनाई है.
भारत सरकार क्यों दिखा रही दिलचस्पी
मुगल परंपरा के अनुसार पिता के बाद सिंहासन के उत्तराधिकारी बड़ा बेटा होता है. लेकिन शाहजहां की बीमारी के बाद उनके दूसरे पुत्र औरंगजेब ने गद्दी की लालच में अपने पिता को ही बंदी बना लिया और आगरा कि किला में कैद कर दिया था. वहीं जब दारा शिकोह ने गद्दी के लिए बगावत की तो औरंगजेब ने अपने बड़े भाई का सिर कलम करके अपने पिता के पास आगरा भेज दिया और बाकी शरीर को दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के परिसर में दफना दिया था. इस बात का जिक्र शाहजहां नामा में किया गया है.
साल 2020 में भारत सरकार ने बनाई थी कमेटी
दारा शिकोह के कत्ल के 300 से ज्यादा साल के बाद हुमायूं मकबरे के परिसर में उनकी कब्र खोजने की कोशिश जारी है.भारत सरकार कब्र की तलाश करने के लिए साल 2020 में भारत सरकार ने दारा शिकोह की कब्र खोजने के लिए एक पुरातत्वविदों की कमेटी बनाई है. हालांकि अब तक दारा शिकोह की कब्र की निशानदेही की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
सरकार क्यों कर रही दारा शिकोह की कब्र की खोज
अब सवाल ये है कि सरकार दारा शिकोह की कब्र खोज क्यों रही है और मोदी सरकार को दारा शिकोह से इतनी मोहब्बत क्यों है?. ऐसे में आपको बता दें कि, दारा शिकोह एक सच्चे हिंदुस्तानी थे साथ ही वह हिंदू धर्म में आस्था रखते थे. वो हिन्दू मंदिरों का जीर्णोद्धार कराते थे. इतना ही नहीं हिंदू धर्म में उनकी आस्था इतनी थी कि उन्होंने संस्कृत भी सीखी थी. बनारस के पंडितो की मदद से दारा शिकोह ने 52 उपनिषदों और भागवत गीता का फारसी भाषा में अनुवाद भी कराया था. यही वजह है कि सरकार को दारा शिकोह से इतनी मोहब्बत है और उनकी कब्र खोजने में दिलचस्पी है.