7 जेट मार गिराए गए: ट्रंप ने भारत-पाक युद्ध के दौरान मार गिराए गए विमानों के दावे को फिर बदला
डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव के दौरान सात जेट विमानों को मार गिराया गया था. लेकिन रुकिए, यह संख्या तो वही नहीं जो उन्होंने पहले कही थी. ट्रंप की इस नई बात ने सबको चौंका दिया है. और अब लोग उत्सुकता से जानना चाहते हैं कि आखिर माजरा क्या है?

India Pakistan War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में अपनी भूमिका का दावा किया है. सोमवार को दिए गए बयान में ट्रंप ने कहा कि युद्ध के दौरान कुल सात विमानों को मार गिराया गया था. यह संख्या उस दावे से अलग है, जिसमें उन्होंने पहले पांच विमानों के गिराए जाने की बात कही थी.
ट्रंप ने अपने बयान में यह स्पष्ट नहीं किया कि किस देश ने कितने विमान गिराए. उनका यह नया दावा ऐसे समय में आया है जब हाल ही में एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत द्वारा पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराने की पुष्टि की थी. यह ऑपरेशन पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचों को निशाना बनाकर किया गया था.
ऑपरेशन सिंदूर और एयर चीफ मार्शल का खुलासा
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली एस-400 ने पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को ध्वस्त किया. उन्होंने इसे अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मार करने वाला अभियान बताया. उन्होंने कहा कि न केवल पांच जेट बल्कि एक बड़ा एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) विमान भी नष्ट कर दिया गया था.
ट्रंप का दोहराया हुआ दावा
भारत-पाक युद्धविराम पर ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के साथ युद्ध अगले स्तर का परमाणु युद्ध था. उन्होंने पहले ही 7 जेट मार गिराए हैं जो उग्र था. ट्रंप ने दोनों देशों को चेतावनी दी थी कि यदि वे 24 घंटे के भीतर संघर्ष रोकने में नाकाम रहे, तो अमेरिका उनके साथ व्यापारिक संबंध तोड़ देगा. उन्होंने कहा कि मैंने कहा क्या आप व्यापार करना चाहते हैं? अगर आप लड़ते रहे तो हम आपके साथ कोई व्यापार या कुछ भी नहीं करेंगे, आपके पास इसे सुलझाने के लिए 24 घंटे हैं. उन्होंने कहा कि ठीक है. अब कोई युद्ध नहीं चल रहा है. मैंने कई मौकों पर इसका इस्तेमाल किया.
भारत का रुख
ट्रंप के इस दावे को भारत पहले भी खारिज कर चुका है. नई दिल्ली का कहना है कि युद्धविराम पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) द्वारा भारतीय समकक्ष को किए गए फोन कॉल के बाद हुआ था. भारत ने स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह द्विपक्षीय समझौता था, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं थी.


