9 लाख अवैध प्रवासी... किन पर हुई छापेमारी? ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अमेरिका में उबाल

अमेरिका के लॉस एंजिलिस में ट्रंप प्रशासन की अवैध प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. लाखों दस्तावेज़विहीन प्रवासियों में भय और असंतोष का माहौल है, जिससे शहर का सामाजिक संतुलन डगमगा गया है.

अमेरिका के लॉस एंजिलिस में इन दिनों माहौल काफी गरमाया हुआ है. ट्रंप प्रशासन द्वारा 'अवैध प्रवासियों' के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान ने शहर की सामाजिक शांति को भंग कर दिया है. इस कार्रवाई से आक्रोशित होकर हजारों प्रवासी नागरिक सड़कों पर उतर आए हैं और प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं.

4000 वर्ग मील में बसा लॉस एंजिलिस काउंटी

लॉस एंजिलिस काउंटी, जो साउथ कैलिफॉर्निया में 4000 वर्ग मील में फैला है, अमेरिकी धनकुबेरों और प्रमुख टेक इंडस्ट्री के दिग्गजों का केंद्र माना जाता है. ये क्षेत्र ना केवल अमीरों का घर है, बल्कि बड़ी संख्या में प्रवासी समुदायों का भी आशियाना है, जिन्होंने फैक्ट्रियों से लेकर टेक्नोलॉजी कंपनियों तक में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

प्रवासियों पर 'टेढ़ी नजर'

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन अब इन प्रवासियों पर शिकंजा कस रहा है. प्रशासन का दावा है कि ये लोग अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं और इन्हें बाहर निकाला जाएगा. इसी के चलते शहर के विभिन्न इलाकों में इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) की टीमें छापेमारी कर रही हैं. ये छापेमारी खासकर उन इलाकों में की जा रही है जहां लैटिन मूल के लोगों की संख्या ज्यादा है.

करीब 9 लाख प्रवासी दस्तावेज़विहीन

विवाद की जड़ ये है कि लॉस एंजिलिस में करीब 9 लाख प्रवासी ऐसे हैं जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां रहने वाले लगभग हर परिवार में कोई ना कोई ऐसा सदस्य है जिसके पास अमेरिकी रहने की वैधता साबित करने वाले कागज नहीं हैं. ये लोग सालों से यहां रहकर अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं.

लैटिन समुदाय मुख्य निशाने पर

इस कार्रवाई से सर्वाधिक प्रभावित लैटिन मूल के लोग हैं, जिनकी बड़ी आबादी शहर के अंदरूनी इलाकों में बसी हुई है. इन इलाकों में स्पेनिश जैसी भाषाएं बोली जाती हैं और अंग्रेजी इनकी प्राथमिक भाषा नहीं है. प्रशासन की अचानक कार्रवाई ने इन समुदायों को भयभीत और क्रोधित दोनों कर दिया है.

प्रदर्शन, गिरफ्तारी और जनता का आक्रोश

शुक्रवार को ICE द्वारा की गई छापेमारी के बाद स्थिति विस्फोटक हो गई. कई दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिससे जनता का गुस्सा फूट पड़ा. स्थानीय लोगों ने कार्रवाई कर रही टीमों पर अंडे फेंके और घेराव कर अपना आक्रोश जताया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ये कार्रवाई नस्लीय भेदभाव का घिनौना रूप है. हम यहां सालों से रह रहे हैं, काम कर रहे हैं, लेकिन हमें बाहरी बताया जा रहा है.

वहीं, ट्रंप प्रशासन का रुख स्पष्ट है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान में कहा कि हम कानून का पालन करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी.

सामाजिक ताने-बाने पर असर

इस पूरी स्थिति ने लॉस एंजिलिस जैसे बहुसांस्कृतिक शहर की सामाजिक संरचना पर सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रवासी समुदाय सालों से इस शहर की रचना और प्रगति में भागीदार रहे हैं. अब इन पर हो रही कार्रवाई से समाज में अस्थिरता का माहौल बन गया है.

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11 June 2025, 02:08 PM IST

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