अमेरिका से डिपोर्ट भारतीयों को लेकर आज अमृतसर पहुंचेगा प्लेन, ट्रंप क्यों उठा रहे इतना बड़ा कदम
सूत्रों का कहना है कि इस प्लेन में 205 अवैध भारतीय प्रवासी हैं. कहा जा रहा है कि इसमें 140 भारतीय पंजाब के ही हैं.यह लोग टेक्सास, सैन फ्रांसिस्को सहित अन्य शहरों में रुके हुए थे. बड़ा सवाल यह है आखिर अवैध प्रवासियों को देश से बाहर ही निकालना है तो फिर सिविल प्लेन की जगह ट्रंप मिलिट्री प्लेन का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं.

अमेरिका का मिलिट्री प्लेन अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर भारत पहुंचने वाला है. अमेरिकी C-147 प्लेन से अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था भारत आ रहा है. अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर US एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट ने टेक्सास के पास अमेरिकी सैन्यअड्डे से उड़ान भरी. हालांकि, अभी तक विमान में सवार भारतीयों की संख्या को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है.
सूत्रों का कहना है कि इस प्लेन में 205 अवैध भारतीय प्रवासी हैं. कहा जा रहा है कि इसमें 140 भारतीय पंजाब के ही हैं.यह लोग टेक्सास, सैन फ्रांसिस्को सहित अन्य शहरों में रुके हुए थे. बड़ा सवाल यह है आखिर अवैध प्रवासियों को देश से बाहर ही निकालना है तो फिर सिविल प्लेन की जगह ट्रंप मिलिट्री प्लेन का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं. सिविल प्लेन के मुकाबले मिलिट्री प्लेन से अवैध रूप से अमेरिका में घुसे लोगों को वापस भेजना पांच गुना तक महंगा है.
ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों को वापस खदेड़ने के मुद्दे पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था. वो अमेरिका की लोकल बाशिंदों को काफी हद तक यह समझाने में कामयाब रहे थे कि बाइडन प्रशासन के दौरान मैक्सिको बॉर्डर से दुनिया भर के घुसपैठी बड़ी आसानी से अमेरिका में प्रवेश कर रहे हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार इन प्रवासियों पर एक्शन लेने की जगह उन्हें फूल-मालाएं पहना रही है. ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद इन प्रवासियों को वापस उनके देश भेजना शुरू किया. इतना ही नहीं उन्होंने अपने दोनों पड़ोसी कनाडा और मैक्सिको पर मोटा टेरिफ लगाने की बात भी कही.
मिलिट्री प्लेन से 5 गुना ज्यादा आ रहा खर्च
एक रिपोर्ट के अनुसार,सिविल और मिलिट्री प्लेन से प्रवासियों को वापस भेजने के खर्च की तुलना की. इस दौरान बताया गया कि अमेरिका से हाल ही में ग्वाटेमाला भेजे गए प्रवासियों के विमान पर प्रति घुसपैठी $4,675 यानी चार लाख सात हजार रुपये का खर्च आया. वहीं, एक सिविल प्लेन में एक घुसपैठी को भेजने का खर्च महज 853 डॉलर यानी करीब 74 हजार रुपये है. ट्रंप द्वारा प्रवासियों पर सख्ती करने की बात समझ आती है लेकिन मिलिट्री प्लेन के इस्तेमाल के पीछे ट्रंप का अपने अभियान की मार्केटिंग करना ज्यादा लगता है.
इस बीच भारत में अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने भारतीयों को लेकर आ रहे अमेरिकी प्लेन पर सीधे तौर पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि अमेरिका अपने इमिग्रेशन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क भेज रहा है.
प्लेन कहां होगा लैंड?
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने डिपोर्टेशन फ्लाइट की जानकारी साझा करने से इनकार करते हुए कहा कि अमेरिका अपनी सीमाओं की सुरक्षा बढ़ा रहा है, इमिग्रेशन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को देश से निकाल रहा है. इस एक्शन से स्पष्ट संदेश गया है कि अवैध प्रवासियों पर अमेरिकी सरकार बेहद गंभीरता से लेने जा रही है.
कहा जा रहा कि भारतीयों को लेकर आ रहा अमेरिकी सेना का एयरक्राफ्ट बुधवार सुबह अमृतसर या आसपास के किसी भी सैन्यअड्डे पर लैंड कर सकता है. लेकिन इसे लेकर किसी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
प्लेन में किन-किन राज्यों के भारतीय सवार हैं?
अमेरिका का ये मिलिट्री प्लेन आज दोपहर 12.30 से एक बजे के बीच अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है. सूत्रों का कहना है कि इस प्लेन में पंजाब से लगभग 30, हरियाणा से 50, गुजरात से 33 भारतीय सवार हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और चंडीगढ़ के भी लोग हैं.
बता दें कि ट्रंप सरकार अवैध प्रवासियों को ले जाने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल करती रही है. इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास में भी अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से अवैध प्रवासियों को भेजा गया था.