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बांग्लादेश फिर बन रहा 'ईस्ट पाकिस्तान'! एक्सपर्ट की चेतावनी- कभी भी पहुंच सकती है पाक सेना

राजनीतिक अस्थिरता, कट्टरपंथी दबाव और सुरक्षा खालीपन के बीच बांग्लादेश को लेकर एक्सपर्ट चेतावनी दे रहे हैं कि हालात बिगड़े तो पाकिस्तानी सेना की एंट्री से इनकार नहीं किया जा रहा है।

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

नई दिल्ली: बांग्लादेश की मौजूदा राजनीतिक दिशा को लेकर एक बड़ा और चिंताजनक दावा सामने आया है. विदेश नीति और दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ सुशांत सरीन का कहना है कि बांग्लादेश खुद को एक बार फिर ईस्ट पाकिस्तान के तौर पर देखने लगा है और अपनी इस्लामिक तथा पाकिस्तानी जड़ों की ओर लौटने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने यह मीडिया से बातचीत के दौरान की है.

सुशांत सरीन के मुताबिक, बांग्लादेश में इस समय सत्ता का वास्तविक नियंत्रण किसी वैध और स्वतंत्र नेतृत्व के पास नहीं दिखता. उनका कहना है कि देश की मौजूदा ताकत पाकिस्तान के प्रभाव में है और वहां की नीतियां इस्लामाबाद के इशारों पर तय हो रही हैं. यह स्थिति भारत और पूरे दक्षिण एशिया के लिए गंभीर संकेत मानी जा रही है.

क्या बांग्लादेश अपनी पाकिस्तानी जड़ों को फिर तलाश रहा है?

मीडिया से बातचीत में सुशांत सरीन ने कहा कि बांग्लादेश फिलहाल अपनी पुरानी पाकिस्तानी पहचान की ओर लौटता दिख रहा है. उनके अनुसार, वहां की सत्ता में बैठे लोग खुद को ईस्ट पाकिस्तान मानकर चल रहे हैं और उसी दौर की जड़ों को तलाश रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान यह तय कर रहा है कि बांग्लादेश को क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

1971 के बाद पहली बार डिफेंस डील की चर्चा

सुशांत सरीन ने दावा किया कि 1971 के बाद यह पहली बार है जब बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच डिफेंस डील की बातें सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सत्ता से जुड़े लोग बांग्लादेश के सरकारी दफ्तरों में बैठकर निर्देश दे रहे हैं. यहां तक कि हालात ऐसे बन सकते हैं कि डिफेंस डील के तहत पाकिस्तानी सैनिक भी बांग्लादेश पहुंचें. उनका कहना है कि पाकिस्तान की कोशिश बांग्लादेश को भारत के खिलाफ खड़ा करने की है, जिससे क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ सकता है.

भारत को नीति पर पुनर्विचार की जरूरत

सुशांत सरीन ने इस पूरे घटनाक्रम को भारत के लिए रणनीतिक चेतावनी बताया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को लेकर भारत जो भी कदम उठाता है, उसका रणनीतिक महत्व होता है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि भारत की मौजूदा चुप्पी रणनीतिक धैर्य है या फिर निर्णय लेने में ठहराव. उन्होंने कहा कि हमें कुछ ऐसे कदम उठाने की जरूरत है, जो न सिर्फ भारत के लिए भविष्य की सीख बनें, बल्कि पड़ोसी देशों और पूरी दुनिया को भी एक स्पष्ट संदेश दें.

फिलहाल बांग्लादेश के हालात

सुशांत सरीन ने बांग्लादेश के अंदरूनी हालात को भी बेहद चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा कि वहां भीषण हिंसा की घटनाएं हो रही हैं और हिंदू समुदाय के एक युवक को टांगकर जला दिए जाने जैसी घटनाएं सामने आई हैं. उनके मुताबिक, ये घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि बांग्लादेश किस दिशा में जा रहा है और आगे क्या हालात बन सकते हैं.

पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों में तेजी

बताया जा रहा है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्ते हाल के महीनों में तेजी से मजबूत हुए हैं. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाले दौर में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के लगातार दौरे हुए हैं. पहली बार पाकिस्तानी जहाज बांग्लादेश के बंदरगाहों तक पहुंचे हैं और डिफेंस डील की चर्चाएं तेज हुई हैं. इतना ही नहीं, 1971 की जंग को लेकर भी बांग्लादेश की ओर से सवाल उठाए गए हैं और यह कहा गया है कि पाकिस्तान पर भारत की जीत में बांग्लादेश की भूमिका अहम थी. विशेषज्ञों के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम भारत के लिए सतर्क रहने का संकेत देता है.

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24 December 2025, 12:10 PM IST

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