रूस-यूक्रेन जंग पर ब्रेक? पुतिन ने दी जेलेंस्की को सीधी बातचीत की पेशकश
रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से ज्यादा समय से जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा. अमेरिकी राष्ट्रपति समेत कई वैश्विक नेताओं ने इसे रोकने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली. हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं और समाधान की तलाश जारी है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 15 मई से इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ सीधी वार्ता शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव यूक्रेन और रूस के बीच 39 महीने से चल रहे युद्ध के बीच आया है. पुतिन ने कहा है कि रूस बिना किसी शर्त के वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने कुछ शर्तें भी रखी हैं.
पुतिन ने शनिवार को एक टेलीविजन संबोधन में कहा कि रूस गंभीर बातचीत चाहता है ताकि यूक्रेन के साथ संघर्ष के मूल कारणों को दूर करते हुए एक स्थायी शांति की ओर बढ़ा जा सके. उन्होंने कहा कि यह वार्ता बिना किसी शर्त के शुरू होनी चाहिए. रूसी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह रविवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से इस बैठक की रूपरेखा पर चर्चा करेंगे.
रूस-यूक्रेन संघर्ष में नया मोड़
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पुतिन के प्रस्ताव को सकारात्मक बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि युद्धविराम सोमवार से शुरू होना चाहिए. उन्होंने यूरोपीय नेताओं के 30 दिनों के युद्धविराम के प्रस्ताव का समर्थन किया है. हालांकि, रूस ने इस शर्त को तुरंत स्वीकार करने से इनकार किया है और यूरोपीय देशों की चेतावनियों को "विरोधाभासी" और "संघर्षपूर्ण" बताया है.
पहली बार पुतिन का खुलेआम वार्ता प्रस्ताव
पुतिन ने कहा कि रूस ने पहले भी 2022 में इस्तांबुल में शांति वार्ता की पेशकश की थी, लेकिन यूक्रेन ने उसे नकार दिया था. उन्होंने पश्चिमी देशों पर यूक्रेन को वार्ता से दूर करने का आरोप लगाया. पुतिन ने कहा कि रूस युद्ध के मूल कारणों पर चर्चा करना चाहता है और स्थायी शांति चाहता है.
यूक्रेन युद्ध पर विराम की उम्मीद
हालांकि, पुतिन ने यह भी कहा कि रूस भविष्य की शांति वार्ताओं में कोई समझौता नहीं करेगा और किसी भी शांति प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि रूस को अपनी सुरक्षा के लिए जो आवश्यक होगा, वह करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि रूस भविष्य की शांति वार्ताओं में कोई समझौता नहीं करेगा और किसी भी शांति प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा.
पुतिन का जेलेंस्की को खुला न्योता
इस बीच, यूरोपीय नेताओं ने रूस पर दबाव बढ़ाया है और चेतावनी दी है कि अगर वह 30 दिनों के युद्धविराम पर सहमत नहीं होता है, तो उस पर और भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे. यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी कहा है कि रूस को लड़ाई रोकनी चाहिए. इस पर रूस ने कहा है कि उस पर दबाव डालने की रणनीति से किसी को कुछ हासिल नहीं होगा. पुतिन के इस प्रस्ताव के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस वार्ता पर टिकी हैं. देखना यह होगा कि क्या रूस और यूक्रेन इस वार्ता के माध्यम से स्थायी शांति की दिशा में कदम बढ़ाते हैं.


