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ट्रंप के छात्र विरोधी फैसले पर कोर्ट की रोक, भारतीय छात्रों को मिली राहत

अमेरिका की संघीय अदालत ने ट्रंप प्रशासन के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिससे हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निष्कासित किया जाना था. न्यायाधीश ने इसे विघटनकारी और संभावित रूप से गैरकानूनी बताया. इस फैसले से खासकर भारतीय छात्रों को बड़ी राहत मिली है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

अमेरिका की एक फेडरल कोर्ट ने भारतीय समेत हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को बड़ी राहत दी है. ट्रंप प्रशासन के उस फैसले पर अदालत ने रोक लगा दी है, जिसके तहत विदेशी छात्रों के वीजा रद्द करने और उन्हें देश से निकालने के आदेश दिए गए थे. यह फैसला 22 मई को कैलिफोर्निया के उत्तरी जिले के अमेरिकी जिला न्यायालय के न्यायाधीश जेफरी व्हाइट ने सुनाया.

न्यायाधीश व्हाइट ने अपने फैसले में ट्रंप प्रशासन के इस कदम को ‘विघटनकारी’ और ‘संभवतः गैरकानूनी’ करार दिया. 21 पन्नों की राय में उन्होंने कहा कि प्रशासन के आदेश ने अमेरिका में पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय छात्रों की कानूनी स्थिति को सीधे तौर पर प्रभावित किया है. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों की भी आलोचना की, जिन्होंने बिना उचित प्रक्रिया के छात्रों के भविष्य पर असर डालने वाला यह फैसला लिया.

छात्रों को डर, अब राहत

इस फैसले से उन छात्रों ने राहत की सांस ली है, जो ट्रंप प्रशासन के आदेश के बाद अपनी पढ़ाई और भविष्य को लेकर असमंजस में थे. खासकर भारत जैसे देशों के हजारों छात्र जो अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला लेते हैं, उनके लिए यह बड़ा फैसला है.

क्या था विवाद?

दरअसल, अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (SEVP) के तहत एक आदेश जारी किया था, जिसमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में पढ़ रहे विदेशी छात्रों के नए दाखिले पर रोक लगा दी गई थी. इस आदेश से भारत के 788 छात्र सीधे तौर पर प्रभावित होते. आदेश के मुताबिक, जो छात्र फिलहाल ग्रेजुएट हो रहे हैं उन्हें तो पढ़ाई पूरी करने दी जाती, लेकिन बाकी छात्रों को अन्य विश्वविद्यालयों में ट्रांसफर करना होता.

शिक्षा और डिप्लोमेसी पर असर

विशेषज्ञों का मानना है कि यह आदेश केवल शैक्षणिक ही नहीं, बल्कि अमेरिका की वैश्विक शिक्षा नीति और डिप्लोमैटिक संबंधों को भी नुकसान पहुंचाता. कोर्ट का यह फैसला ट्रंप प्रशासन की अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर की गई सख्ती को झटका देता है.

हार्वर्ड मामला भी जुड़ा

हालांकि कोर्ट ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मामले में सीधे कोई फैसला नहीं दिया, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से प्रशासन की कानूनी स्थिति कमजोर हुई है.

छात्रों के सपनों को सहारा

यह फैसला उन छात्रों के लिए आशा की किरण है, जो वर्षों से अमेरिका में पढ़ाई करने का सपना देख रहे हैं. कोर्ट के इस हस्तक्षेप से उनकी शिक्षा की राह अब फिर से आसान होती दिखाई दे रही है.

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24 May 2025, 07:51 AM IST

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