व्हाइट हाउस के पास गोली लगने से घायल नेशनल गार्ड के सदस्य की मौत, ट्रंप ने की पुष्टि
अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के नज़दीक बुधवार को हुई फायरिंग की घटना में घायल हुए दो नेशनल गार्ड सदस्यों में से एक की मौत हो गई है.

अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के नज़दीक बुधवार को हुई फायरिंग की घटना में घायल हुए दो नेशनल गार्ड सदस्यों में से एक की मौत हो गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को पहली बार इस हमले पर सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया देते हुए 20 वर्षीय सारा बेकस्ट्रॉम के निधन की पुष्टि की.
24 वर्षीय एंड्रयू वोल्फ की हालत नाज़ुक
उन्होंने कहा कि सारा एक सम्मानित, साहसी और प्रतिभाशाली युवा सैनिक थीं, जिन्होंने देश की सेवा के दौरान अपनी जान गंवाई. ट्रंप ने यह भी बताया कि दूसरे घायल सैनिक, 24 वर्षीय एंड्रयू वोल्फ की हालत अब भी नाज़ुक है और डॉक्टर उसे बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
घटना के बाद सारा के पिता गैरी बेकस्ट्रॉम ने भी मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी बेटी की चोटें इतनी गहरी थीं कि उन्हें बचाया नहीं जा सका. भावुक आवाज़ में उन्होंने कहा कि वे अस्पताल में अपनी बेटी का हाथ पकड़े हुए हैं, लेकिन डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी हालत में सुधार की कोई संभावना नहीं है.
.@POTUS announces that U.S. Army Specialist Sarah Beckstrom of Summersville, West Virginia, one of the National Guardsmen savagely attacked yesterday in Washington, D.C., has just passed away.
— Rapid Response 47 (@RapidResponse47) November 27, 2025
May God be with her family 🙏 pic.twitter.com/BEbAOxmJme
फायरिंग की यह घटना व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर हुई थी, जिससे शहर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठे हैं. दोनों सैनिकों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उपचार के दौरान सारा ने दम तोड़ दिया. फिलहाल मामले की जांच जारी है और सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के हर पहलू की छानबीन कर रही हैं.
अमेरिकी अटॉर्नी जीनिन पिरो की प्रतिक्रिया
इस दुखद घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कोलंबिया ज़िले की अमेरिकी अटॉर्नी जीनिन पिरो ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया. उन्होंने सारा को एक नायिका बताते हुए कहा कि वह थैंक्सगिविंग के मौके पर उन लोगों की सहायता करने गई थीं, जिन्हें वह जानती भी नहीं थीं. इसी दौरान उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया.
इस हमले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हमला करने वाला 29 वर्षीय अफ़ग़ान नागरिक रहमानुल्लाह लकनवाल, पहले सीआईए की बेहद गोपनीय अफ़ग़ान स्ट्राइक यूनिट “ज़ीरो यूनिट्स” का सदस्य रहा था. यह वही इकाई है जो तालिबान के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर रही और 2021 में अमेरिकी वापसी के दिनों में काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा में भी शामिल थी.
लकनवाल 2021 में 'ऑपरेशन अलाइज़ वेलकम' कार्यक्रम के तहत अमेरिका पहुंचा था. यह वही कार्यक्रम था जिसके तहत अमेरिकी सेना के सहयोगी अफ़ग़ानों को सुरक्षा कारणों से अमेरिका लाया गया था. अधिकारियों के अनुसार, लकनवाल ने वाशिंगटन राज्य के बेलिंगहैम से डीसी तक 2,500 मील से अधिक की दूरी तय की और फिर .357 स्मिथ एंड वेसन रिवॉल्वर से घात लगाकर हमला किया. जांचकर्ताओं का कहना है कि दोनों सैनिकों को बेहद करीब से निशाना बनाया गया था.
अभी तक हमले का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन घटना ने पूरे देश में चिंता और शोक की लहर पैदा कर दी है. जांच एजेंसियां जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट जारी कर सकती हैं.


