18 की मौत, 48 घायल... पेरू में दर्दनाक सड़क हादसा, खाई में गिरी डबल-डेकर बस
पेरू के एंडीज पर्वतीय इलाके में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. हादसे में एक डबल-डेकर बस के गहरी खाई में गिर जाने से कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और 48 अन्य घायल हो गए. हादसा शुक्रवार तड़के जुनिन क्षेत्र के पाल्का जिले में हुआ.

Bus accident Peru: पेरू के एंडीज पर्वतीय क्षेत्र में एक भीषण सड़क हादसे ने शुक्रवार को कम से कम 18 लोगों की जान ले ली, जबकि 48 अन्य घायल हो गए. यह हादसा उस समय हुआ जब एक डबल-डेकर बस सड़क से फिसलकर खाई में जा गिरी. बस एक्सप्रेसो मोलिना लीडर इंटरनेशनल कंपनी की थी. यह राजधानी लीमा से अमेजन क्षेत्र की ओर जा रही थी.
घटना पेरू के जुनिन क्षेत्र के पाल्का जिले में तड़के सुबह घटी. अधिकारियों के अनुसार बस एक तीव्र मोड़ पर नियंत्रण खो बैठी और सड़क से फिसलकर ढलान में जा गिरी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस के दो टुकड़े हो गए. हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे और घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया.
कैसे हुआ हादसा?
जुनिन क्षेत्र के स्वास्थ्य निदेशक क्लिफोर क्विरीपाको ने बताया, "वाहन सड़क से फिसलकर नीचे खाई में जा गिरा. टक्कर इतनी तेज थी कि बस दो हिस्सों में टूट गई." हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है, हालांकि प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक खराब सड़क स्थिति और चालक की गलती इस दुर्घटना के पीछे हो सकती है.
मलबे से घायलों को निकालते दिखे दमकलकर्मी
स्थानीय टीवी चैनलों ने घटना की दर्दनाक तस्वीरें प्रसारित की हैं, जिनमें क्षतिग्रस्त बस, दमकलकर्मी और पुलिसकर्मी मलबे से यात्रियों को निकालते नजर आए. रेस्क्यू ऑपरेशन रातभर चला और कई गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया गया.
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह कोई पहली बार नहीं है जब पेरू में बस हादसा हुआ हो. इसी साल 3 जनवरी को एक और बस दुर्घटना में 6 लोगों की मौत और 32 घायल हुए थे, जब एक बस नदी में गिर गई थी. पेरू के अटॉर्नी जनरल कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, तेज रफ्तार और लापरवाही से ड्राइविंग देश में सड़क हादसों की प्रमुख वजहें हैं.
सड़क सुरक्षा बनी बड़ी चुनौती
पेरू में सड़क सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में 3,173 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि खराब सड़कें, ढीला ट्रैफिक कानून, और समय पर रेस्क्यू सेवाओं की कमी इस संकट को और भी बदतर बना रही हैं.


