यूक्रेन पर ‘रूसी जल्लाद’ मचाएंगे कोहराम! कुर्स्क में तबाही मचाने के लिए तैनात किए गए ‘खूंखार लड़ाके’
Russia-Ukraine War: कुर्स्क की जंग अब निर्णायक मोड़ पर आ चुकी है. रूस ने अब तक के सबसे घातक लड़ाकों को तैनात कर दिया है, जबकि यूक्रेन भी मजबूती से डटा हुआ है. न्यूक्लियर खतरा, यूरोपीय मोर्चे पर बढ़ते तनाव और वैश्विक महायुद्ध की संभावना इस जंग को और भी खतरनाक बना रही है.

Russia-Ukraine War: हिंद महासागर से लेकर बाल्टिक सागर तक वैश्विक तनाव चरम पर है, लेकिन इस वक्त दुनिया की नजरें रूस और यूक्रेन के बीच जारी महायुद्ध पर टिकी हुई हैं. कुर्स्क की जंग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है, जहां रूस ने अपने खूंखार लड़ाकों को उतारकर यूक्रेनी सेना को खदेड़ने की पूरी तैयारी कर ली है. इस लड़ाई में अब उत्तर कोरिया और चीन के सैनिक भी रूस के समर्थन में उतर आए हैं. वहीं, यूरोप में भी युद्ध की आहट तेज हो गई है.
रूस ने कुर्स्क में यूक्रेनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए अब तक का सबसे बड़ा आक्रामक अभियान शुरू कर दिया है. युद्ध के इस मोर्चे पर अखमत और बशकीर लड़ाकों को बुलाया गया है, जो रूस के लिए निर्णायक जीत सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे.
कुर्स्क में जंग का नया मोड़
कुर्स्क में पिछले पांच महीनों से लगातार युद्ध छिड़ा हुआ है. यूक्रेनी सेना अब तक मजबूत पकड़ बनाए हुए थी, लेकिन रूस ने इस स्थिति को बदलने के लिए अपना आखिरी दांव खेल दिया है. नॉर्थ कोरिया के 11 हजार सैनिकों की टुकड़ी फ्रंटलाइन पर तैनात की गई है, जिसके पीछे चीन के सैनिक स्टैंडबाय पर हैं. इसके अलावा, अफ्रीका से आए लड़ाके भी इस जंग में कहर बरपाने के लिए तैयार हैं. रूस का मकसद है कि यूक्रेनी सेना को सूमी और खारकीव तक पीछे धकेला जाए.
न्यूक्लियर हमले का बढ़ता खतरा
रूस और यूक्रेन के बीच यह जंग सिर्फ पारंपरिक हथियारों तक सीमित नहीं रही है. खबरें हैं कि यूक्रेन कुर्स्क के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला कर सकता है, जिससे रूस को भारी नुकसान हो सकता है. वहीं, रूस भी जवाबी कार्रवाई में जेपोरिजिया न्यूक्लियर प्लांट को निशाना बना सकता है. ऐसे में इस जंग के न्यूक्लियर युद्ध में तब्दील होने का खतरा बढ़ गया है.
यूरोप की सीमा पर रूस का दबाव
रूस अब सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहना चाहता. खबरों के मुताबिक, क्रेमलिन ने यूरोप के बाल्टिक और नॉर्डिक देशों पर भी फोकस करना शुरू कर दिया है. रूस ने पहले चरण में एक देश को टारगेट करने की रणनीति बनाई है, जिसके बाद अन्य देशों पर भी विस्तार किया जा सकता है.
यूक्रेन की पलटवार की योजना
यूक्रेन भी इस जंग में पीछे हटने को तैयार नहीं है. उसने कुर्स्क और पोक्रोवस्क में अतिरिक्त टैंक बटालियन तैनात कर दी हैं और प्रॉक्सी हमले का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है. यूक्रेन का दावा है कि रूस चीन और नॉर्थ कोरिया के सैनिकों का इस्तेमाल कर रहा है, हालांकि रूस ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.


