यूएन में चीन की भूमिका पर शशि थरूर का तीखा हमला, सुधार की वकालत
शशि थरूर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन की भूमिका की आलोचना की. खासकर जब उसने पाकिस्तान का साथ देते हुए लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह ‘प्रतिरोध मोर्चे’ का जिक्र हटाने में मदद की.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में चीन की भूमिका की आलोचना की. खासकर जब उसने पाकिस्तान का साथ देते हुए लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह ‘प्रतिरोध मोर्चे’ का जिक्र हटाने में मदद की. थरूर ने कहा कि भारत लगातार सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति को इस समूह के बारे में जानकारी देता रहा है, लेकिन जब भारत ने सुरक्षा परिषद में इस संगठन का उल्लेख करने की कोशिश की, तो पाकिस्तान ने चीन के समर्थन से उसका नाम हटवा दिया.
थरूर का पाकिस्तान और चीन पर हमला
ब्राजील में एक बातचीत के दौरान थरूर ने पाकिस्तान और चीन पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आतंकवाद से जुड़ी बातों को राजनीतिक दबाव के कारण नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्होंने ज़ोर दिया कि भारत और ब्राजील जैसे देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. थरूर ने कहा कि हम और आप दोनों सुरक्षा परिषद में नहीं हैं और हमें यह स्थिति बदलनी होगी.
उन्होंने यह बातें ब्राजील के राजदूत सेल्सो अमोरिम के साथ एक संवाद के दौरान कहीं. चर्चा में उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान वैश्विक व्यवस्था में बड़े देशों के गठजोड़ के कारण आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रयास कमजोर पड़ते हैं.
थरूर के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल फिलहाल ब्राजील में है और जल्द ही अमेरिका की यात्रा करेगा. ब्रासीलिया हवाई अड्डे पर भारतीय दूतावास के प्रभारी संदीप कुमार कुजूर ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया.
आतंकी हमले पर दी प्रतिक्रिया
अमेरिका की यात्रा से पहले, थरूर ने कोलोराडो में हुए आतंकी हमले पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हमले की खबर सुनकर प्रतिनिधिमंडल चिंतित था, लेकिन राहत की बात यह रही कि इसमें कोई जान नहीं गई. थरूर ने कहा कि सांसद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के इस विचार से सहमत हैं कि आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए.
एफबीआई ने इस हमले के सिलसिले में मोहम्मद सबरी सोलिमन को गिरफ्तार किया है, जिस पर इजरायली समर्थकों को लक्षित कर हमला करने का आरोप है.


