54 हजार लाशें और लाखों जख्मी... 600 दिनों से जारी इजराइल-हमास जंग के बीच गाजा का दर्दनाक सच
इजराइल और हमास के बीच 600 दिनों से जारी संघर्ष ने गाजा में जनहानि और मानवीय संकट खड़ा कर दिया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय अदालतें भी इजराइल के खिलाफ वार क्राइम के मामलों की जांच कर रही हैं.

Israel hamas war: इजराइल और हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई जंग आज 600 दिनों से भी ज्यादा समय से जारी है. जब दक्षिणी इजराइल पर हमास के आतंकवादियों ने हमला किया था, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि ये जंग इतनी लंबी और विनाशकारी होगी. इस जंग ने ना केवल हजारों मासूमों की जान ली है, बल्कि गाजा की आबादी को भूख, बीमारी और बुनियादी आवश्यकताओं की कमी के बीच जीने पर मजबूर कर दिया है.
600 दिनों में गाजा में करीब 54 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 1.23 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मिसाइलों और बमबारी के अलावा, घेराबंदी और नाकाबंदी ने यहां के नागरिकों की हालत और भी खराब कर दी है. इस जंग की भयावहता को समझने के लिए गाजा की मौजूदा परिस्थितियों पर एक नजर डालना जरूरी है.
गाजा में खाने को तरसते लोग
2 मार्च से इजराइल ने गाजा के सभी क्रॉसिंग पॉइंट्स को पूरी तरह से बंद कर दिया. ना खाने-पीने की सामग्री, ना दवाइयां, और ना ही कोई राहत सामग्री गाजा में प्रवेश कर पा रही है. संयुक्त राष्ट्र और अनेक मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, गाजा के हालात इतने बदतर हो गए हैं कि लोग कूड़े के ढेर से खाने की चीजें खोजने लगे हैं. अलजजीरा की रिपोर्ट में एक गाजा सिटी की महिला और उसकी बेटी टूटी-फूटी इमारतों के पास फेंके गए कचरे में पके हुए चावल और सूखी रोटी ढूंढ़ती दिखीं.
राहत वितरण के दौरान हुई हिंसा
3 महीने की नाकाबंदी के बाद गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) ने राफा में पहला राहत केंद्र खोला. लेकिन जैसे ही राहत सामग्री बांटी जाने लगी, हजारों की भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए और अफरातफरी मच गई. इजराइली सेना ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोली चलाई, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 46 लोग घायल हुए. ये घटना गाजा में संघर्ष की जटिलता और मानव जीवन की नाजुक स्थिति को बयां करती है.
बंधकों की रिहाई और संघर्ष विराम की कोशिशें
गाजा में हमास के खिलाफ जारी लड़ाई के बाद अब तक 148 बंधक सुरक्षित लौट चुके हैं. इनमें से 105 को 2023 के संघर्ष विराम के दौरान रिहा किया गया, 5 को बिना किसी समझौते के हमास ने छोड़ा, 8 को इजराइली सेना ने बचाया और 30 को इस साल के संघर्ष विराम के दौरान रिहा किया गया. अब कई मध्यस्थ देशों की कोशिश है कि बाकी बंधकों की रिहाई के लिए जल्दी संघर्ष विराम हो, लेकिन इजराइल जमीन से बड़ा हमला करने की धमकी दे रहा है.
विरोधाभासी बयानों की गहमागहमी
संघर्ष विराम को लेकर इजराइल, अमेरिका और हमास के बयान आपस में पूरी तरह विरोधाभासी हैं. हर पक्ष अपनी-अपनी बात कह रहा है, लेकिन कोई ठोस नतीजा अभी तक नहीं निकल पाया. ट्रंप प्रशासन भी अब खुलकर इस मामले में दबाव बना रहा है. ट्रंप ने कहा है कि वे इजराइल से बातचीत कर रहे हैं और चाहते हैं कि ये संकट जल्द से जल्द खत्म हो. इजराइल की जमीनी हमले की धमकी से उसकी पारंपरिक सहयोगी ताकतें- ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी असहज हो गई हैं. इन देशों की आलोचना भी खुलकर सामने आने लगी है. फिलहाल, इजराइल और हमास के बीच कोई सीधा संवाद नहीं हो रहा है और वे मध्यस्थ देशों के जरिए बैक चैनल कूटनीति में उलझे हुए हैं.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों में इजराइल के खिलाफ मुकदमे
इस युद्ध के बीच, अंतरराष्ट्रीय अदालतों में भी कड़ी कार्रवाई हो रही है. नवंबर 2024 में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ वार क्राइम और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किए.
इसी तरह इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भी इजराइल पर गाजा में नरसंहार का मामला चल रहा है. ये दर्शाता है कि विश्व समुदाय इस संघर्ष के मानवाधिकार उल्लंघनों को गंभीरता से ले रहा है.


