ट्रेड डील में भारत ने अमेरिका को दिया खास प्रस्ताव, ट्रंप अधिकारी का दावा
अमेरिका की ओर से भारत के साथ व्यापार समझौता वार्ता का नेतृत्व कर रहे प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने अमेरिकी संसद में जानकारी दी कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर चर्चा काफी रफ्तार पकड़ चुकी है.

पिछले कुछ महीनों से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप भारत के प्रति एक सख्त व्यापारिक नीति अपनाए हुए हैं. अमेरिका ने दुनिया में सबसे ज्यादा आयात शुल्क भारत पर लगाया है, जो लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंच जाता है. इसके अलावा, H-1B वीज़ा से जुड़े नियमों को भी कड़ा किया गया, जिसका सीधा असर भारतीय पेशेवरों और कंपनियों पर पड़ा है. इस माहौल के बीच अब दोनों देशों के बीच व्यापारिक बातचीत को लेकर एक सकारात्मक संकेत सामने आया है, जिसने उम्मीदें बढ़ा दी हैं.
जैमीसन ग्रीर ने अमेरिकी संसद में क्या कहा?
अमेरिका की ओर से भारत के साथ व्यापार समझौता वार्ता का नेतृत्व कर रहे प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने अमेरिकी संसद में जानकारी दी कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर चर्चा काफी रफ्तार पकड़ चुकी है. उनके अनुसार, भारत ने इस बार अमेरिका को अब तक का सबसे मजबूत और बेहतर प्रस्ताव दिया है, जिससे समझौते के जल्द बनने की संभावना बढ़ गई है.
अपने संबोधन में ग्रीर ने बताया कि भारत अमेरिकी कृषि उत्पादों के लिए अपने बाजार को धीरे-धीरे खोलने पर सहमत होता दिख रहा है. विशेष रूप से अमेरिकी ज्वार (सॉर्गम) और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए भारत ने सकारात्मक रुख दिखाया है. उन्होंने कहा कि USTR की एक टीम इन दिनों भारत में मौजूद है और दोनों देशों के अधिकारी कृषि से जुड़ी चुनौतियों को कम करने और नए अवसरों की तलाश में मिलकर काम कर रहे हैं.
कृषि उत्पादों के आयात पर आपत्ति
हालांकि भारत ने कुछ अमेरिकी कृषि उत्पादों के आयात पर आपत्ति जताई है, लेकिन बातचीत निरंतर और रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ रही है. ग्रीर के अनुसार, भारत अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक बाजार बन सकता है, इसलिए दोनों पक्ष व्यापार बढ़ाने के रास्ते खोजने के पक्ष में हैं.
ग्रीर ने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिका दक्षिण एशिया और यूरोप में नए बाजार खोजकर चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है. किसानों की आय और निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए अमेरिका कई देशों के साथ नए व्यापार समझौते कर रहा है. यदि भारत जैसे बड़े बाजार अपने द्वार खोलते हैं, तो अमेरिका इसके लिए हर स्तर पर संवाद करने को तैयार है.
अमेरिका भारत को एथेनॉल का निर्यात बढ़ाने को भी इच्छुक है. यह एथेनॉल मुख्यतः मक्के और सोयाबीन से तैयार होता है. कई देश पहले ही अमेरिकी एथेनॉल आयात कर रहे हैं. ग्रीर ने बताया कि यूरोपीय संघ भी अमेरिका से लगभग 750 बिलियन डॉलर मूल्य की ऊर्जा खरीदने पर सहमति जता चुका है, जिसमें बायोफ्यूल भी शामिल है. ऐसे में भारत के साथ होने वाला संभावित समझौता दोनों देशों की ऊर्जा साझेदारी को भी नई दिशा दे सकता है.


