अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता को लेकर ट्रंप का चेतावनी भरा बयान, इतिहास से जोड़ा कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में जन्मसिद्ध नागरिकता को लेकर एक बार फिर अपने विवादित रुख को दोहराया. अमेरिकी मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने इस कानून के इतिहास और उसके वर्तमान संदर्भ पर अपनी राय रखी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में जन्मसिद्ध नागरिकता को लेकर एक बार फिर अपने विवादित रुख को दोहराया. उन्होंने कहा कि अमेरिका में जन्म से नागरिकता का प्रावधान मूल रूप से गुलामों के बच्चों के लिए बनाया गया था, न कि अमीर अप्रवासियों के देश में बसने के लिए.
ट्रंप ने कानून के इतिहास पर रखी राय
अमेरिकी मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने इस कानून के इतिहास और उसके वर्तमान संदर्भ पर अपनी राय रखी. उन्होंने दावा किया कि बाद में अमीर लोग इस कानून का लाभ उठाकर अमेरिका में स्थायी रूप से बसने लगे. ट्रंप ने यह बात उस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के संदर्भ में कही, जिसे उन्होंने जनवरी में दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद अपने कार्यकाल के पहले दिन ही जारी किया था.
इस आदेश के तहत बर्थराइट सिटिज़नशिप को समाप्त करने का प्रयास किया गया था. उन्होंने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में उनके पक्ष में निर्णय नहीं देता है, तो यह अमेरिका के लिए गंभीर परिणाम लेकर आएगा. पोलिटिको से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि यह मामला मूल रूप से गुलामों और उनके बच्चों के लिए था. केस की तारीखें देखें, तो यह सिविल वॉर से जुड़ा है. यह किसी अमीर व्यक्ति के लिए नहीं था, जो दूसरे देशों से अमेरिका आया और अचानक उसका पूरा परिवार अमेरिकी नागरिक बन गया.
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि यही बात सुप्रीम कोर्ट को भी समझाई गई है और उनका विश्वास है कि कोर्ट इस दृष्टिकोण को समझ रहा है. ट्रंप ने कहा कि यदि अदालत इस मामले में उनकी अपील को खारिज कर देती है, तो यह बेहद नकारात्मक फैसला होगा. ट्रंप ने अपने आदेश के पीछे की वजह भी बताई. उन्होंने कहा कि अमेरिका लाखों लोगों को घर देने का आर्थिक बोझ नहीं उठा सकता, इसलिए जन्मसिद्ध नागरिकता कानून को खत्म करने का उनका निर्णय देश की सुरक्षा और संसाधनों के संरक्षण के दृष्टिकोण से लिया गया.
अमेरिकी इमिग्रेशन नीति
उन्होंने इसे अमेरिका के इमिग्रेशन नीति का हिस्सा बताया और कहा कि उनका उद्देश्य देश में अवैध आव्रजन को नियंत्रित करना और संसाधनों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित करना है. इतिहास के संदर्भ में यह मामला 14वें संविधान संशोधन से जुड़ा है. अमेरिकी संसद ने 1868 में, सिविल वॉर के बाद, इस संशोधन के तहत यह प्रावधान किया कि अमेरिका के भौगोलिक दायरे में पैदा होने वाले या वहां के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले सभी लोग अमेरिकी नागरिक होंगे. इस संशोधन का उद्देश्य उन लोगों को नागरिकता देना था, जिन्हें गुलामी के समय मुक्त किया गया था और उनकी नई पीढ़ियों को अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करना था.
ट्रंप के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के अनुसार, 20 जनवरी, 2025 के 30 दिन बाद अमेरिका में पैदा हुए किसी भी बच्चे को जन्मसिद्ध नागरिकता का हक नहीं मिलेगा. प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह आदेश देश की आर्थिक और सुरक्षा आवश्यकताओं के आधार पर लिया गया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार यह जोर दिया कि उनका यह कदम अमेरिका के हित में है और इसका उद्देश्य किसी वर्ग के खिलाफ नहीं, बल्कि नियमों के समान और नियंत्रित अनुपालन को सुनिश्चित करना है.
इस विवाद ने अमेरिकी राजनीति में बहस छेड़ दी है, जहां समर्थक इसे देश की सुरक्षा और संसाधनों के संरक्षण की दिशा में सही कदम मानते हैं, जबकि आलोचक इसे नागरिक अधिकारों और ऐतिहासिक संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ बता रहे हैं. ट्रंप ने इस विवाद के बीच अपने रुख को स्पष्ट किया है और कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपने पक्ष को मजबूती से पेश करेंगे, ताकि उनका आदेश लागू हो सके और अमेरिका में इमिग्रेशन नीति को नियंत्रित किया जा सके.


