पाक को 'घातक' AIM-120 मिसाइलें देगा अमेरिका, ट्रंप-आसिम मुनीर की मुलाकात के बाद बड़ा सैन्य सौदा
अमेरिका ने पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइलें देने की मंजूरी दी है, जिससे दोनों देशों के रक्षा संबंधों में नया अध्याय शुरू हुआ है.

Trump-Asim Munir meeting: अमेरिका ने पाकिस्तान को AIM-120 एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM) देने की मंजूरी दे दी है. इस सौदे को दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के नए चरण के रूप में देखा जा रहा है. अमेरिकी युद्ध विभाग (Department of War - DoW) ने अपने आधिकारिक बयान में इसकी पुष्टि की है.
DoW द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, मिसाइल निर्माता कंपनी Raytheon को मौजूदा अनुबंध (FA8675-23-C-0037) के तहत अतिरिक्त 41.6 मिलियन डॉलर का भुगतान किया गया है, जिससे कुल अनुबंध मूल्य अब 2.51 अरब डॉलर से अधिक हो गया है. हालांकि, पाकिस्तान को मिलने वाली मिसाइलों की सटीक संख्या का खुलासा नहीं किया गया है.
पाकिस्तान को मिलेगी ये मिसाइलें
रिपोर्ट के मुताबिक, यह सौदा AIM-120 AMRAAM की C8 और D3 वेरिएंट के निर्माण से जुड़ा है. ये वही मिसाइलें हैं जो F-16 फाइटर जेट्स के साथ संगत हैं, जो पाकिस्तान वायुसेना (PAF) के प्रमुख लड़ाकू विमान हैं. इस अनुबंध में पाकिस्तान के अलावा ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान और सऊदी अरब जैसे देशों को भी शामिल किया गया है. DoW के अनुसार, इस प्रोजेक्ट पर काम मई 2030 तक पूरा हो जाएगा.
F-16 बेड़े के आधुनिकीकरण की अटकलें तेज
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान को AMRAAM मिसाइलें मिलना उसके F-16 फ्लीट के संभावित अपग्रेड की ओर संकेत करता है. AMRAAM केवल F-16 विमानों के साथ ही उपयोग की जा सकती है, और इसे 2019 में भारत-पाकिस्तान हवाई संघर्ष के दौरान IAF MiG-21 को मार गिराने में भी इस्तेमाल किया गया था, जिसे विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान उड़ा रहे थे.
रक्षा जर्नल Quwa की रिपोर्ट के अनुसार, AIM-120C8 मिसाइल AIM-120D का एक्सपोर्ट वर्जन है, जो फिलहाल अमेरिकी वायुसेना में सबसे उन्नत AMRAAM मानी जाती है. वर्तमान में पाकिस्तान के पास पुरानी C5 वेरिएंट मिसाइलें हैं, जिनमें से लगभग 500 मिसाइलें उसने 2010 में अपने ब्लॉक-52 F-16 जेट्स के साथ खरीदी थीं.
अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में गर्माहट
हाल के महीनों में इस्लामाबाद और वॉशिंगटन के बीच संबंधों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है. पिछले महीने वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर से मुलाकात की थी. इससे पहले जून में आसिम मुनीर ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एक दुर्लभ वन-ऑन-वन बैठक भी की थी. वहीं, जुलाई में पाक वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर ने अमेरिकी विदेश विभाग का दौरा किया था, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध और प्रगाढ़ हो गए.
भारत-पाकिस्तान टकराव और ट्रंप की भूमिका
मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. इस दौरान पाकिस्तान ने दावा किया कि युद्धविराम कराने में डोनाल्ड ट्रंप ने अहम भूमिका निभाई और यहां तक कि उनके नाम को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी प्रस्तावित किया गया. भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि संघर्ष विराम दोनों देशों के DGMOs (Director Generals of Military Operations) के बीच हुई सीधी बातचीत से संभव हुआ था.


