score Card

पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर पुतिन ने 24 साल पहले जताई और चिंता, अमेरिकी राष्ट्रपति क्यों रहे थे चुप?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2001 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर गंभीर चेतावनी दी थी. अब पुरानी घटनाओं को फिर से उजागर किया जा रहा.

हाल ही में जारी हुए गोपनीय दस्तावेजों ने एक पुरानी बात को फिर से उजागर किया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2001 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर गंभीर चेतावनी दी थी. ये दस्तावेज अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव द्वारा सार्वजनिक किए गए हैं, जो 2001 से 2008 तक दोनों नेताओं की बातचीत के प्रतिलेख हैं.

2001 की स्लोवेनिया बैठक में पुतिन की चिंता

16 जून 2001 को स्लोवेनिया में दोनों नेताओं की पहली व्यक्तिगत मुलाकात हुई. इस दौरान पुतिन ने सीधे बुश से कहा कि वे पाकिस्तान को लेकर चिंतित हैं. उस समय पाकिस्तान पर जनरल परवेज मुशर्रफ का सैन्य शासन था. पुतिन ने इसे "परमाणु हथियारों वाली सैन्य सरकार" बताया और पूछा कि एक गैर-लोकतांत्रिक देश के पास इतने खतरनाक हथियार होने पर पश्चिमी देश क्यों चुप हैं.

उन्होंने जोर दिया कि इस मुद्दे पर खुलकर बात होनी चाहिए. ये टिप्पणियां दिखाती हैं कि पुतिन पाकिस्तान की राजनीतिक अस्थिरता और उसके परमाणु भंडार से पैदा होने वाले जोखिमों को लेकर काफी गंभीर थे. 

दोनों नेताओं की साझा चिंताएं

2001 से 2008 तक की बातचीत में पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम बार-बार चर्चा में आया. दोनों नेता इसे परमाणु प्रसार का बड़ा खतरा मानते थे. बाद की बैठकों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम में पाकिस्तानी सामग्री मिलने की बात भी सामने आई, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई.

ये दस्तावेज बताते हैं कि सार्वजनिक रूप से सहयोग के बावजूद, निजी बातों में दोनों पाकिस्तान के हथियारों की सुरक्षा पर संदेह करते थे. 

भारत की लंबे समय से चली आ रही आशंकाएं

पुतिन की ये बातें भारत की उन चिंताओं से मिलती-जुलती हैं, जो भारत वर्षों से पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर व्यक्त करता रहा है. भारत हमेशा से कहता आया है कि पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति और उसके हथियार क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं.

इन दस्तावेजों से साफ होता है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसी ही आशंकाएं थीं. ये पुरानी बातचीत आज भी प्रासंगिक है. परमाणु हथियारों का गैर-जिम्मेदाराना प्रसार विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है. ऐसे में सभी देशों को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए. 

calender
26 December 2025, 07:53 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag