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अमेरिका के टैरिफ से जहां सब परेशान, म्यांमार के तानाशाह को दिखा अवसर

जब पूरी दुनिया ट्रंप के टैरिफ से चिंतित है, म्यांमार के सैन्य शासक मिन आंग ह्लाइंग इसे सम्मान मान रहे हैं. अमेरिका द्वारा म्यांमार के उत्पादों पर 40% टैरिफ लगाने के फैसले को उन्होंने वैश्विक मान्यता बताया, ट्रंप की तारीफ की और आर्थिक प्रतिबंध हटाने की अपील भी की.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

जब पूरी दुनिया अमेरिकी टैरिफ के बोझ से परेशान है, तब म्यांमार की सैन्य सरकार इसे एक "सम्मान" के तौर पर पेश कर रही है. अमेरिका की ओर से 1 अगस्त से म्यांमार के उत्पादों पर 40 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है, लेकिन सैन्य शासक मिन आंग ह्लाइंग ने इसे नुकसान नहीं, बल्कि अवसर बताया है.

राज्य नियंत्रित मीडिया Global New Light of Myanmar ने हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक औपचारिक पत्र को प्रमुखता से प्रकाशित किया. इस पत्र को म्यांमार सरकार ने एक "निमंत्रण" की तरह प्रस्तुत किया और जनरल ह्लाइंग ने न केवल अमेरिका से उच्च स्तरीय बातचीत की इच्छा जताई, बल्कि आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने की मांग भी की. उन्होंने कहा कि अमेरिका और म्यांमार के बीच सहयोग दोनों देशों की समृद्धि में मदद करेगा.

ट्रंप की चिट्ठी पर खुश, प्रतिबंध हटाने की मांग

हालांकि अमेरिका म्यांमार की सैन्य सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं देता, लेकिन ट्रंप की चिट्ठी को ह्लाइंग ने इस तरह प्रस्तुत किया जैसे उन्हें अमेरिका से वैधता मिल गई हो. चिट्ठी के बहाने उन्होंने अमेरिका को संदेश दिया कि म्यांमार के साथ व्यापार और संवाद की संभावनाएं हैं.

कौन हैं मिन आंग ह्लाइंग?

जनरल ह्लाइंग वही सैन्य शासक हैं जिन पर रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार का आरोप है और जिन्होंने 2021 में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई आंग सान सू ची की सरकार का तख्तापलट कर दिया था. सू ची फिलहाल बंद कमरे में चली सुनवाई के बाद 27 साल की कैद की सजा काट रही हैं.

ट्रंप की तारीफ और लोकतंत्र पर हमला

ह्लाइंग ने चिट्ठी का जवाब देते हुए ट्रंप की जमकर तारीफ की. उन्होंने उन्हें "सच्चा राष्ट्रभक्त" और "वैश्विक शांति के पक्षधर" बताया. उन्होंने ट्रंप के 2020 अमेरिकी चुनाव में धांधली के आरोपों को दोहराते हुए कहा कि म्यांमार में भी कुछ वैसी ही स्थिति हुई थी. जबकि सच्चाई ये है कि म्यांमार में 2020 का चुनाव अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष माना गया था.

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12 July 2025, 01:18 PM IST

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