कानों में गूंजते रहेंगे हादी के शब्द, जनाजे में यूनुस ने गिनाए उस्मान के गुण
बांग्लादेश के चर्चित छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी को शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस मौके पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भी मौजूद रहे.

बांग्लादेश के चर्चित छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी को शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. उनके जनाजे में लाखों लोगों की मौजूदगी ने यह साफ कर दिया कि हादी केवल एक छात्र नेता नहीं, बल्कि देश की युवा राजनीति की एक मजबूत आवाज बन चुके थे.
अंतिम विदाई में मोहम्मद यूनुस रहे मौजूद
इस मौके पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भी मौजूद रहे. उन्होंने हादी को “वीर” बताते हुए कहा कि आज पूरा देश उन्हें याद कर रहा है और बांग्लादेश के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.
शरीफ उस्मान हादी को कुछ समय पहले सिर में गोली लगने के बाद गंभीर हालत में सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कई दिनों तक चले इलाज के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी और 18 दिसंबर को उनका निधन हो गया. हादी की मौत की खबर फैलते ही बांग्लादेश में आक्रोश की लहर दौड़ गई. बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए, विरोध प्रदर्शन हुए और कई इलाकों में तनाव की स्थिति बन गई. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और कुछ स्थानों पर आगजनी की घटनाएं भी सामने आईं. यहां तक कि मीडिया संस्थानों को भी हमलों का सामना करना पड़ा.
शनिवार को जब हादी को सुपुर्द-ए-खाक किया गया, तब ढाका समेत पूरे देश की निगाहें उनके जनाजे पर टिकी रहीं. मोहम्मद यूनुस ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हादी भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और संदेश हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे. उन्होंने कहा कि हादी ने इंसानियत, लोकतंत्र और साहस का जो रास्ता दिखाया है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा.
हादी को लेकर क्या बोले यूनुस?
यूनुस ने यह भी कहा कि हादी ने देश को एक ऐसा मंत्र दिया है, जो बांग्लादेश की पहचान का हिस्सा बन जाएगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि हादी के सपनों और विचारों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार और जनता मिलकर काम करेंगे. हादी चुनावी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते थे और उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लेकर अपने विचार भी रखे थे, जिन्हें आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया गया.
मुख्य सलाहकार ने यह भी घोषणा की कि सरकार हादी की पत्नी और उनके इकलौते बच्चे की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी. हादी की शहादत के सम्मान में शनिवार को पूरे देश में एक दिन का राजकीय शोक मनाया गया.
ढाका की जातीय संसद के पास माणिक मिया एवेन्यू में आयोजित जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए. इस दौरान लोगों ने न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए और कहा कि हादी की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी. उन्हें राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम के समाधि स्थल के पास दफनाया जाएगा, जो उनके सम्मान और महत्व को दर्शाता है.


