व्रत में खा रही हैं साबूदाना? नकली है या असली, ऐसे करें पहचान… वरना हो सकती है गंभीर बीमारी
व्रत में सेवन किया जाने वाला साबूदाना अगर मिलावटी हो, तो सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. कुछ आसान घरेलू तरीकों से आप असली और नकली साबूदाने के बीच आसानी से फर्क पहचान सकती हैं.

व्रत के दौरान साबूदाना से बनी डिशेज ना केवल स्वाद में लाजवाब होती हैं, बल्कि यह शरीर को त्वरित ऊर्जा भी देती हैं. यही वजह है कि उपवास में इसका सेवन खासतौर पर किया जाता है. खिचड़ी से लेकर खीर और टिक्की तक, साबूदाने की अनेक रेसिपीज लोगों की पसंद बन चुकी हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो साबूदाना आप श्रद्धा से खा रही हैं, वह असली है या मिलावटी?
दरअसल, आजकल बाजार में मिलने वाला साबूदाना पूरी तरह शुद्ध नहीं होता. इसे तेजी से चमकदार और सफेद दिखाने के लिए केमिकल्स से तैयार किया जाता है, जिसमें ब्लीचिंग एजेंट, सोडियम हाइपोक्लोराइट, कैल्शियम सल्फेट और अन्य हानिकारक तत्वों का इस्तेमाल होता है. ऐसे में इस मिलावटी साबूदाने का सेवन आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. आइए जानते हैं कुछ आसान घरेलू तरीकों से कि असली और नकली साबूदाना कैसे पहचानें.
उबालने से करें पहचान
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एक पैन में पानी गर्म करें और उसमें थोड़ी मात्रा में साबूदाना डालें.
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अगर उबालने पर साबूदाना अत्यधिक चिपचिपा हो जाए और एकसाथ चिपक जाए, तो वह मिलावटी हो सकता है.
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वहीं असली साबूदाना उबालने के बाद भी अलग-अलग और हल्का चिपचिपा होता है.
रंग से करें जांच
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साबूदाने को किसी स्टील की थाली या कटोरी में डालें और गौर से उसका रंग देखें.
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असली साबूदाना थोड़ा ट्रांसपेरेंट और हल्के सफेद रंग का होता है.
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नकली साबूदाना एकदम सफेद और चमकदार दिखाई देता है, जो केमिकल से पॉलिश किया गया हो सकता है.
हाथ में रगड़कर करें टेस्ट
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कुछ साबूदाने को हथेली पर लेकर हल्के हाथों से रगड़ें.
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अगर रगड़ते ही उसमें से पाउडर जैसा सफेद पदार्थ निकलने लगे, तो यह मिलावटी होने की संभावना है.
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असली साबूदाने में ऐसा पाउडर कम ही निकलता है.
पानी में डुबाकर करें परीक्षण
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एक गिलास या बर्तन में सामान्य पानी भरें और उसमें साबूदाने के कुछ दाने डालें.
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अगर साबूदाना पानी में डलते ही तले में बैठ जाए, तो समझिए कि वह असली है.
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वहीं अगर वह देर तक पानी की सतह पर तैरता रहे, तो वह केमिकल-प्रोसेस्ड हो सकता है.
क्यों जरूरी है सावधानी?
डॉक्टरों और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, केमिकल से पके और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ शरीर में धीरे-धीरे टॉक्सिन्स बढ़ाते हैं, जिससे पाचन तंत्र, लीवर और आंतों पर सीधा असर पड़ता है. व्रत का उद्देश्य शरीर को डिटॉक्स करना होता है, ना कि केमिकल्स से भरना. इसलिए अगली बार जब भी आप बाजार से साबूदाना खरीदें, तो इन आसान टेस्ट्स के जरिए उसकी शुद्धता की जांच जरूर करें.


