AC खरीदने जा रहे हैं तो जरूर जानें ये बातें, smart buyer बनकर बेस्ट प्रोडक्ट खरीदें

बाजार में कई कंपनियों के एसी विभिन्न मॉडल, कूलिंग कैपेसिटी और फीचर्स में उपलब्ध हैं, वहीं अधिक मांग के चलते इन दिनों एसी का मार्केट भी गर्म है। एयर कंडीशनर एक महंगा उत्पाद है, इसलिए इसे खरीदने से पहले कुछ बातों का जानना बेहद जरूरी है।

Abhishek Sharma
Abhishek Sharma

हाइलाइट

  • सही एसी खरीदने के लिए कमरे के आकार के अलावा उसकी लोकेशन भी मायने रखती है।

गर्मियां आ चुकी हैं और बढ़ते टेम्प्रेचर के बीच लोगों का जीना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में गर्मी से निजात पाने के लिए लोग एयर कंडीशनर (air conditioner) खरीद रहे हैं। बाजार में कई कंपनियों के एसी विभिन्न मॉडल, कूलिंग कैपेसिटी और फीचर्स में उपलब्ध हैं, वहीं अधिक मांग के चलते इन दिनों एसी का मार्केट भी गर्म है। एयर कंडीशनर एक महंगा उत्पाद है, इसलिए इसे खरीदने से पहले कुछ बातों का जानना बेहद जरूरी है। यदि आप एक अच्छा और बजट में आने वाला एसी खरीदने का मन बना रहे हैं तो यहां आपकी सहायता के लिए कुछ टिप्स साझा किए जा रहे हैं। इन टिप्स का इस्तेमाल कर आप एक स्मार्ट बायर बन सकते हैं और जरूरत के अनुसार सही और किफायती एसी का चुनाव कर सकते हैं।

1. रूम का साइज और लोकेशन देखें

एसी खरीदने के लिए सबसे पहले यह देखना जरूरी है कि रूम या हॉल का साइज कितना है। सामान्य तौर पर लोगों की सोच होती है कि अधिक टन का एसी लेने से कमरा अधिक ठंडा रहेगा, जबकि ऐसा नहीं है। आपका कमरा जितने अधिक वर्गफुट में फैला होगा, उतने ही अधिक टन एसी की जरूरत आपको होगी। एसी में टन से तात्पर्य कूलिंग कैपेसिटी से होता है। सामान्यत: 150 वर्गफुट आकार के कमरे के लिए 1 टन का एसी काफी रहता है। वहीं 150 से 250 वर्गफुट के लिए 1.5 टन, 250 से 400 वर्गफुट के लिए 2 टन और 400 से 600 वर्गफुट कमरे के लिए 3 टन का एसी उपयुक्त माना जाता है। सही एसी खरीदने के लिए कमरे के आकार के अलावा उसकी लोकेशन भी मायने रखती है। यदि कमरा ऐसी जगह है, जहां दिनभर सीधी धूप पड़ती है तो वहां आपको 0.5 अधिक टन के एसी की जरूरत होगी।

2. आपकी पसंद क्या, विण्डो एसी या स्प्लिट एसी

रूम के अनुसार कूलिंग कैपेसिटी डिसाइड करने के बाद आपको यह तय करना होगा कि विण्डो एसी लगाया जाए या स्प्लिट एसी। विण्डो एसी उस कमरे की किसी खिड़की पर लगाया जाता है, जबकि स्प्लिट एसी कमरे की दीवार पर। विण्डो एसी में एक ही डिवाइस लगाई जाती है, जबकि स्प्लिट एसी में दो डिवाइस इनडोर यूनिट और आउटडोर यूनिट लगाई जाती है। एक विण्डो एसी समान टन के स्प्लिट एसी के लगभग बराबर कूलिंग करता है, लेकिन कीमत में यह काफी सस्ता पड़ता है। इसमें मेंटेनेंस भी कम होती है, हालांकि यह स्प्लिट एसी की तुलना में शोर अधिक करता है।

3. बचत के लिए चुनें 5 स्टार रेटिंग वाला एसी

एसी खरीदने से पहले उसकी एनर्जी सेविंग एफिशएंसी यानी स्टार रेटिंग जरूर जांच लें। भारत में ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी द्वारा प्रोडक्ट्स को 1 से 5 स्टार तक की रेटिंग की जाती है। यानी जो प्रोडक्ट जितनी कम बिजली की खपत करता है, उतनी ही उसकी स्टार रेटिंग बेहतर होती है। एसी की बात करें तो 1.5 टन का 5 स्टार एसी हर घंटे लगभग 0.84 यूनिट बिजली की खपत करता है तो इतनी ही कूलिंग कैपेसिटी का 3 स्टार एसी हर घंटे 1.1 यूनिट बिजली खपत करता है। 5 स्टार एसी खरीदते समय एसी 3 स्टार की तुलना में थोड़े महंगे जरूर पड़ते हैं, लेकिन कम बिजली खाने के कारण कुछ माह बाद बचत ही करते हैं। यहां एक बात का ध्यान रखें कि यदि आपका एसी दिन में लगातार कई घंटे चलता है तो 5 स्टार रेटिंग वाला एसी सबसे बेस्ट ऑप्शन होगा।

4. पार्ट्स की उपलब्धता और सर्विस सेंटर का नेटवर्क जांच लें

एसी मार्केट में कई भारतीय कंपनियां और विदेशी कंपनियां प्रोडक्ट उपलब्ध करा रही हैं। कई कंपनियों के प्रोडक्ट तो अच्छे हैं, लेकिन पार्ट्स की उपलब्धता और सर्विस सेंटर की मौजूदगी को लेकर वह पिछड़ जाती हैं और नतीजतन कस्टमर को या तो लंबा इंतजार करना पड़ता है या फिर सर्विस से कॉम्प्रोमाइज। बेहतर हो एसी खरीदने से पहले कंपनी के प्रोडक्ट के साथ-साथ सर्विस भी कम्पेयर कर लें।

5. फीचर्स में भी कम्पेयर जरूर करें

एसी खरीदते समय यह जरूर ध्यान रखें कि उसमें इस्तेमाल हो रही कॉइल कॉपर की हो। कॉपर कॉइल एल्यूमिनियम की तुलना में बेहतर होती है। हालांकि, अधिकांश कंपनियां अब एसी में कॉपर कॉइल ही दे रही हैं। इसके अलावा इन्वर्टर और नॉन इन्वर्टर एसी में से आप इन्वर्टर एसी को प्राथमिकता दे सकते हैं। बिजली की बचत के लिए ये एसी बेहद लाभकारी साबित होते हैं। कंपनियों द्वारा वाई-फाई, स्मार्ट सेंसिंग जैसे फीचर्स भी एसी प्रोडक्ट्स में दिए जा रहे हैं, जिन्हें आप अपने उपयोग के आधार पर चुन सकते हैं।

6. इंस्टॉलेशन फ्री या चार्जेबल, जरूर जानें

कई कंपनियाें द्वारा एसी इंस्टॉलेशन की सुविधा फ्री में दी जाती है, वहीं कुछ इसके लिए चार्ज वसूलती हैं। कई बार सेल्समैन द्वारा या पोर्टल पर एसी की जानकारी में इंस्टॉलेशन चार्ज का उल्लेख नहीं किया जाता, लेकिन बिल में इसे जोड़ दिया जाता है। ऐसे में कस्टमर्स को खासी परेशानी होती है। इंस्टॉलेशन का चार्ज भी काफी होता है, इसलिए बिलिंग से पहले ही इसके बारे में जानकारी ले लें।

7. कीमतों में कंपेयर करना जरूरी

कंपनी के ऑनलाइन स्टोर्स हों या ई-कॉमर्स पोर्टल, वहां उपलब्ध किसी एक मॉडल की कीमतें रिटेलर्स द्वारा दी जा रही कीमतों से अलग हो सकती हैं। जिस भी कंपनी का मॉडल आपको पसंद आ रहा है, उसकी कीमतों की पड़ताल जरूर कर लें। यदि रिटेलर और ऑनलाइन स्टोर पर कीमतों में अंतर नहीं तो रिटेलर को प्राथमिकता दें, ताकि किसी परेशानी की स्थिति में उसका सहयोग मिल सके।

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17 April 2023, 08:11 PM IST

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