फैटी लिवर से छुटकारा दिलाएंगी ये जड़ी-बूटियां, जल्दी असर के लिए डाइट में करें शामिल
फैटी लिवर एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जो खराब खान-पान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण होती है. अगर इसे समय रहते कंट्रोल न किया जाए, तो यह लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है. इस बीच आज हम आपको आयुर्वेदीक जड़ी-बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो इस बीमारी के लिए बेहद फायदेमंद होता है. तो चलिए जानते हैं.

गलत खान-पान और असंतुलित जीवनशैली के चलते आजकल फैटी लिवर की समस्या आम हो गई है. यह तब होता है जब लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है. यदि इसे समय रहते कंट्रोल न किया जाए, तो यह लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.
आयुर्वेद में कुछ ऐसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियां बताई गई हैं, जो लिवर को डिटॉक्स करने, सूजन को कम करने और उसकी कार्यक्षमता सुधारने में मदद कर सकती हैं. यदि इन जड़ी-बूटियों को नियमित रूप से डाइट में शामिल किया जाए, तो फैटी लिवर की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है. आइए जानते हैं वे कौन-सी जड़ी-बूटियां हैं जो लिवर के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं.
फैटी लिवर में असरदार जड़ी-बूटियां
1. भृंगराज – प्राकृतिक लिवर टॉनिक
भृंगराज को आयुर्वेद में सबसे असरदार लिवर टॉनिक माना जाता है. यह लिवर सेल्स को रीजनरेट करने में मदद करता है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर लिवर को साफ करता है. इसे काढ़े या पाउडर के रूप में लिया जा सकता है.
2. पुनर्नवा – फैट कम करने में मददगार
पुनर्नवा एक प्राकृतिक डाइयुरेटिक है, जो शरीर से अतिरिक्त टॉक्सिन्स और पानी निकालने में मदद करता है. यह लिवर की सूजन को कम करता है और फैटी लिवर को कंट्रोल करता है.
3. आंवला – एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन-C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो लिवर सेल्स को रिपेयर करने में मदद करते हैं. इसे कच्चे रूप में, जूस या पाउडर के रूप में लिया जा सकता है.
4. गिलोय – लिवर को मजबूत बनाए
गिलोय को आयुर्वेद में 'अमृता' कहा जाता है. यह लिवर को मजबूत करने और उसकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है. साथ ही, यह इम्यूनिटी भी बढ़ाता है.
5. हल्दी – लिवर डिटॉक्स करने में असरदार
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड लिवर को डिटॉक्स करता है और उसकी कार्यक्षमता को सुधारता है. हल्दी को गर्म दूध, पानी या चाय में मिलाकर लिया जा सकता है.
6. अजवाइन – पाचन को सुधारने में मददगार
अजवाइन पाचन तंत्र को मजबूत करती है और लिवर में जमा एक्स्ट्रा फैट को घटाने में मदद करती है. यह शरीर से विषैले पदार्थों को निकालकर लिवर को स्वस्थ बनाए रखती है.
7. त्रिफला – लिवर की सफाई करने में मददगार
त्रिफला लिवर को डिटॉक्स करने में बेहद फायदेमंद होता है. यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे फैटी लिवर की समस्या कम होती है और पाचन भी बेहतर होता है.
8. मेथी – सूजन और इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाए
मेथी के बीज लिवर की सूजन को कम करने और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने में मदद करते हैं. यह फैटी लिवर को कंट्रोल करने का प्राकृतिक उपाय है.
9. अर्जुन छाल – लिवर को सुरक्षा प्रदान करे
अर्जुन की छाल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने और उसमें जमा अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद करते हैं.
कैसे करें इन जड़ी-बूटियों का सेवन?
भृंगराज – पाउडर या काढ़े के रूप में
पुनर्नवा – काढ़े के रूप में
आंवला – जूस, पाउडर या कच्चे रूप में
गिलोय – जूस या पाउडर के रूप में
हल्दी – दूध, पानी या चाय में मिलाकर
अजवाइन – गर्म पानी के साथ
त्रिफला – पाउडर या जूस के रूप में
मेथी – बीज भिगोकर या चूर्ण के रूप में
अर्जुन छाल – काढ़े या टैबलेट के रूप में
आपको बता दे कि फैटी लिवर एक गंभीर समस्या बन सकती है, लेकिन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की मदद से इसे प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है. यदि इन जड़ी-बूटियों को नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल किया जाए, तो लिवर डिटॉक्स होगा, सूजन कम होगी और उसकी कार्यक्षमता में सुधार आएगा.


