ॐ लोक आश्रम: जगत के स्वरूप का सिद्धांत क्या है? भाग-2
भगवान कृष्ण कहते हैं अगर तुम यह मान लेते हो कि आत्मा नित्य पैदा होता है और नित्य मरता है तो भी तुमको युद्ध से डरना नहीं चाहिए। अगर आप क्षणभंगवादी हो, आप ये मानते हो कि सारा संसार परिवर्तनशील है और उस परिवर्तनशील संसार में हर क्षण नया सृजन होता है।
भगवान कृष्ण कहते हैं अगर तुम यह मान लेते हो कि आत्मा नित्य पैदा होता है और नित्य मरता है तो भी तुमको युद्ध से डरना नहीं चाहिए। अगर आप क्षणभंगवादी हो, आप ये मानते हो कि सारा संसार परिवर्तनशील है और उस परिवर्तनशील संसार में हर क्षण नया सृजन होता है। बुद्ध कहते हैं कि संसार क्षणभंगुर है जैसे नदी की धारा बहती रहती है एक पानी चला गया दूसरा पानी पीछे से आ जाता है हमें लगता है कि धारा है वस्तुत: ये धारा है ही नहीं ये पानी का सम्मिलन है। एक धारा गई और दूसरी धारा आ गई। एक पानी गया दूसरा पानी आ गया।
इसी तरह संसार घटनाओं का समूह है। लगातार घटनाएं घट रही हैं और हमें ये संसार के रूप में दिखती हैं। उसी तरह चित्र को आपके सामने तेजी से लाया जाए तो वो आपको फिल्म की तरह नजर आएगा। चित्रों का समूह अगर तेजी से चलाया जाये तो आपको लगेगा कि कोई रील चल रही है कोई फिल्म चल रही है वस्तुत: वह चित्रों का समूह है। बुद्ध कहते हैं कि संसार इसी तरह घटनाओं का एक समूह है। हर घटना अलग-अलग है एक घटना के बाद दूसरी घटना आती है।
पुराना संसार समाप्त होता है और नया संसार उत्पन्न हो जाता है और यह संसार क्षण-क्षण परिवर्तनशील है, क्षणभंगवाद है। भगवान कृष्ण कहते हैं कि तुम इसको भी मान लेते हो तो भी तुम्हें शोक करने की दुख करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हर क्षण परिवर्तन तो हो ही रहा है। हर क्षण जो परिवर्तन हो रहा है उसके पीछे भी कुछ न कुछ नित्यता है। जो व्यक्ति जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित है और जो व्यक्ति मरता है उसका जन्म निश्चित है।
ये लगातार एक क्रम है जो कि चलता रहता है। ऐसा नहीं है कि अगर हम कोई कर्म नहीं करेंगे तो कर्म नहीं होगा, हम किसी को नहीं मारेंगे तो वह नहीं मरेगा। इसलिए इस विषय में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है आपको केवल अपना कर्म करने की आवश्कता है। आप कर्म करते जाओ बाकी जो कुछ भी है वो प्रभु के हाथ में छोड़ो, भगवान के हाथ में छोड़ो। आप अपने कर्म करते जाओ यही हमारे जीवन का लक्ष्य होना चाहिए यही सफलता का सूत्र है यही सफलता का रहस्य है।