विद्यार्थी अपने परीक्षा के तनाव को करना चाहते है कम तो, चाणक्य की इस नीति को अपनाएं

चाणक्य एक बहुत बड़े बुद्धिमान राजनीतिज्ञ माने जाते हैं जिन्होंने अपने नीति शास्त्र में कई नीतियां बताएं हुई है। जो जिवन को सरल बनाने में उपयोगी है। अपने नितिशास्त्र में आचार्य चाणक्य ने छात्रों के लिए भी कुछ खास गुण और नियम बताएं हैं, जो उनके परीक्षा से होने वाले तनाव को मुक्त करता है। और उनके परीक्षा के लिए मददगार भी होता है। तो आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार परीक्षार्थी को परीक्षा के समय कैसे तैयारी करनी चाहिए।

Deeksha Parmar
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चाणक्य एक बहुत बड़े बुद्धिमान राजनीतिज्ञ माने जाते हैं जिन्होंने अपने नीति शास्त्र में कई नीतियां बताएं हुई है। जो जिवन को सरल बनाने में उपयोगी है। अपने नितिशास्त्र में आचार्य चाणक्य ने छात्रों के लिए भी कुछ खास गुण और नियम बताएं हैं, जो उनके परीक्षा से होने वाले तनाव को मुक्त करता है। और उनके परीक्षा के लिए मददगार भी होता है। तो आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार परीक्षार्थी को परीक्षा के समय कैसे तैयारी करनी चाहिए।

आचार्य चाणक्य के अनुसार विद्यार्थी जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह समय विद्यार्थी के भविष्य का निव रखता है। चाणक्य के अनुसार विद्यार्थी कुछ गुणों को अपनाकर परीक्षा में सफल हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं चाणक्य के नीति के अनुसार परीक्षार्थी को कैसे परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए।

लक्ष्य पर रखे गंभीरता

आचार्य चाणक्य के अनुसार विद्यार्थी को जीवन में एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए ऊंच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए खूब मेहनत करना। मेहनत के बिना परीक्षा में सफलता पाने का कोई दूसरा मार्ग नहीं है। ऐसे में परीक्षा के समय परीक्षार्थी को मोबाइल सोशल मीडिया इन सब चीजों से दूर रहना चाहिए । विद्यार्थी को हमेशा एकाग्र मन से पढ़ाई करना चाहिए। जिससे पढ़ा हुआ पाठ याद रहे।

अनुशासन

अनुशासन विद्यार्थी की सफलता की पहली सीढ़ी होती है। अगर आप सभी काम समय पर करते हैं। जैसे- समय पर पढ़ाई करना, भोजन करना, सोना और जगना इत्यादि। अगर समय से इन सब चीजों का पालन करेंगे तो हमें तनाव की समस्या नहीं होगी जो परीक्षा में भी मददगार होगी आचार्य चाणक्य का कहना है, कि परीक्षा के समय विद्यार्थी को सुबह के समय में अध्ययन करना चाहिए। क्योंकि सवेरे का पढ़ा हुआ पाठ दिमाग में फिट हो जाता है। और हमेशा याद रहता है।

टाइम टेबल

आचार्य चाणक्य के अनुसार परीक्षा से पहले विद्यार्थी को पढ़ाई का टाइम टेबल बनाना चाहिए, यानी समय का प्रबंधन करना चाहिए की किस समय कैन सा कार्य करना उत्तम रहेगा। विद्यार्थी को निरंतर पढ़ाई नहीं करना चाहिए बीच-बीच में थोड़ा समय के लिए ब्रेक भी लेना चाहिए चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार अगर अगर विद्यार्थी अपना पढ़ने का टाइम टेबल निर्धारित कर ले और तय की गई सीमा समय सीमा पर एक- एक सब्जेक्ट को पढ़े तो सब्जेक्ट पूरा करने में आसानी होती है। और दिमाग में याद भी रहता है।

आलस्य

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि छात्रों के मन में आलस्य नहीं होना चाहिए। आलस्य विद्यार्थी या किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा दुश्मन होता है। विद्यार्थी का मेहनत ही उसके भविष्य को संवारने में काम आता है। अगर आप परीक्षा के समय आलस्य करते हैं तो यह आपके लिए सबसे बड़ा शत्रु हो सकता है। किसी भी काम को कल पर ना टालें परीक्षा के समय पढ़ाई पर पूरा ध्यान दें अपने हर एक पल को कीमती समझे जिससे आपका भविष्य संवर जाए।

सेहत का भी रखे ख्याल

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विद्यार्थी को सेहतमंद रहना भी अतिआवश्यक है। विद्यार्थी को पौष्टिक आहार खासकर जब परीक्षा का समय हो तो बच्चे को संतुलित आहार ग्रहण करना चाहिए। इससे आपको नींद की समस्या नहीं होगी और आपका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

दबाव में न करें पढ़ाई

गुरु चाणक्य कहते हैं कि कई बार विद्यार्थियों के मन में असफलता का डर बन जाता है। जिससे मन में तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है। डर और तनाव के कारण विद्यार्थी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है, और गलतियां कर बैठता है। ऐसे में माता-पिता या अभिभावक को बच्चें का मनोबल बढ़ाना चाहिए। उनकी गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए, खासकर जब परीक्षा का समय हो तो अभिभावकों को छात्रों के लिए सकारात्मक माहौल बनाए रखना चाहिए, जिससे वह मानसिक रूप से स्वतंत्र होकर पढ़ाई में ध्यान दे सके।

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26 February 2023, 04:18 PM IST

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