आखिर क्यों निरहुआ ने खुद को कहा मुलायम सिंह का उत्तराधिकारी, क्या है कनेक्शन
लोकसभा चुनाव के चार चरण हो चुके हैं. पांचवे चरण का मतदान दो दिनों में होने वाला हैं. वहीं, यूपी की सबसे चर्चीत सीटों में से एक आजमगढ़ सीट पर चुनाव छठे चरण में होने वाला है.

लोकसभा चुनाव के चार चरण हो चुके हैं. पांचवे चरण का मतदान दो दिनों में होने वाला हैं. वहीं, यूपी की सबसे चर्चीत सीटों में से एक आजमगढ़ सीट पर चुनाव छठे चरण में होने वाला है. इस सीट से बीजेपी ने अपने प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ को उतारा हैं. तो वहीं सपा ने इस सीट से धर्मेंद्र यादव को उतारा हैं. यहां मुकाबला दिलचस्प होने वाला हैं. दरअसल इस सीट पर सपा का दबदबा भी रहा हैं. इस सीट से 2019 में अखिलेश यादव ने निरहुआ को करीब 2 लाख वोटो से हराया था. हालांकि 2022 में विधानसभा चुनाव में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद निरहुआ फिर से चुनाव लड़े और धर्मेंद्र यादव को हराया था.
साल 2022 में आजमगढ़ सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्यााशी निरहुआ ने सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को करीब आठ हजार मतों से हराया था. उस वक्त भी कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. बसपा ने तब गुड्डू जमाली को यहां पर अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं, 2024 के शुरूआती महीने में निरहुआ का एक बयान खूब वायरल हुआ था. जिसमें उन्होंने खुद को मुलायम सिंह यादव का असली उत्तराधिकारी बताया था. तो आइए जानते हैं कि आखिर निरहुआ ने ऐसा क्यों कहा था. क्या हैं मुलायम सिंह यादव से कनेक्शन.
दरअसल 30 मार्च को दिनेश लाल यादव ने अपने कर्यालय के उद्दघाटन में कहा था कि हम लोग जमीनी नेता हैं. हार-जीत अपनी जगह है लेकिन हम जनता के बीच में रहते हैं. हारने के बाद भी जनता के बीच थे और जीतने के बाद भी जनता के बीच में हैं. उन्होंने कहा कि आगे भी हम जीतेंगे और जनता का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ में अच्छा काम किया था. इसके बाद जनता ने अखिलेश यादव को मौका दिया लेकिन वह 4 साल में ही मैदान छोड़कर भाग गए इसलिए नेताजी का असली उत्तराधिकारी मैं हूं जो नेताजी के काम को आगे बढ़ा रहा हूं. हम कह रहे हैं कि जो धरती पर काम करता है वही धरतीपुत्र मुलायम सिंह उत्तराधिकारी हो सकता है. हवा में रहने वाला नहीं.


