क्या नाम बदलने से बदलता है भाग्य? जानिए प्रेमानंद महाराज का जवाब
हाल ही में वृंदावन के प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज से एक व्यक्ति ने सवाल किया. उस व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि क्या नाम की स्पेलिंग बदलने से जीवन की दिशा बदल सकती है. जानिए प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा?

नाम की स्पेलिंग को लेकर समाज में लंबे समय से तरह-तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. बहुत से लोग यह विश्वास करते हैं कि नाम के अक्षरों में थोड़ा-सा बदलाव करने से व्यक्ति का भाग्य भी बदल सकता है. फिल्म और ग्लैमर की दुनिया में भी कई ऐसे उदाहरण सामने आते रहे हैं, जहां कलाकारों ने सफलता और सौभाग्य की उम्मीद में अपने नाम की स्पेलिंग में परिवर्तन किया. इसी विषय को लेकर हाल ही में वृंदावन के प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज से एक व्यक्ति ने सवाल किया.
क्या नाम की स्पेलिंग बदलने से बदलती है जीवन की दिशा?
उस व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि क्या नाम की स्पेलिंग बदलने से जीवन की दिशा बदल सकती है. क्या ऐसा करने से व्यक्ति अमीर बन सकता है या उसके अधूरे सपने पूरे हो सकते हैं? यह प्रश्न सुनकर प्रेमानंद महाराज मुस्कुरा दिए. उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा कि अगर मन करता है तो यह प्रयोग करके देख लो. अगर सच में अमीर बन जाओ तो हमें जरूर बताना, ताकि हम भी दूसरों को तुम्हारे अनुभव के बारे में बता सकें. इसके बाद उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ऐसी बातें निराधार और बेबुनियाद हैं.
प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट किया कि केवल नाम की स्पेलिंग बदलने से जीवन में कोई वास्तविक परिवर्तन नहीं आता. उनके अनुसार इंसान के कर्म और उसका आचरण ही उसके भविष्य का निर्माण करते हैं. उन्होंने कहा कि अंगूठी, छल्ला या अन्य बाहरी उपायों से भाग्य नहीं बदलता. अगर कोई अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहता है तो उसे भगवान के नाम का जप करना चाहिए, ईमानदारी से जीवन जीना चाहिए और गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि सुख और दुख जीवन का हिस्सा हैं. जो भी परिस्थितियां सामने आएं, उन्हें भगवान की इच्छा मानकर स्वीकार करना चाहिए. ऐसा करने से मन को शांति मिलती है और जीवन धीरे-धीरे संतुलित व सुखमय बनता है. प्रेमानंद महाराज का कहना था कि आध्यात्मिक साधना और अच्छे कर्म ही इंसान को आगे बढ़ाते हैं, न कि नाम में किया गया कोई बदलाव.
समाज की मानसिकता पर क्या बोले प्रेमानंद महाराज?
इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने समाज की मानसिकता पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि आजकल लोग मेहनत और तपस्या की बजाय दिखावे और ड्रामेबाजी पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं. कई बार किसी फैक्ट्री या व्यवसाय के नाम में एक अक्षर जोड़ दिया जाता है और अगर संयोग से काम चल पड़ता है, तो लोग इसे नाम बदलने का चमत्कार मान लेते हैं. जबकि असल में उस सफलता के पीछे व्यक्ति की मेहनत, अनुशासन और अच्छे कर्म होते हैं, जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं.
उन्होंने अंत में कहा कि अगर सपनों को साकार करना है तो धर्म के मार्ग पर चलना होगा, परोपकार करना होगा और पूरे मन से परिश्रम करना होगा. यही सच्चा मार्ग है, जिससे जीवन में वास्तविक मंगल होता है.


