बचे हुए प्रसाद का क्या करें? अपशकुन से बचने के लिए अपनाएं ये सम्मानजनक और सरल उपाय
हिंदू धर्म में हर पूजा-पाठ, अनुष्ठान या त्योहार में प्रसाद बनाना एक खास परंपरा है. इसे भगवान को भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं में बांटा जाता है, क्योंकि यह भक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है. लेकिन कई बार थोड़ा-बहुत प्रसाद बच जाता है. उसे फेंकना तो बिल्कुल भी सही नही माना जाता है.

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में प्रसाद का महत्व केवल भोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह श्रद्धा, आस्था और ईश्वर के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है. हर धार्मिक अनुष्ठान में प्रसाद को पूरे विधि-विधान और पवित्र भावना के साथ तैयार किया जाता है और पूजा पूर्ण होने के बाद भक्तों में वितरित किया जाता है.
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि प्रसाद पूरा उपयोग में नहीं आ पाता. कभी वह बच जाता है, तो कभी समय के साथ खराब होने की स्थिति आ जाती है. ऐसे में मन में यह सवाल उठता है कि बचे हुए प्रसाद के साथ क्या किया जाए, ताकि न तो श्रद्धा भंग हो और न ही कोई धार्मिक उलझन पैदा हो. इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि बचे हुए प्रसाद को सम्मानपूर्वक और सही तरीके से कैसे संभाल सकते हैं.
ठोस प्रसाद का क्या करें?
अगर प्रसाद में लड्डू, मिठाई, फल या सूखे मेवे जैसी चीजें शामिल हैं, तो उन्हें कुछ समय के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है. मिठाई को स्टोर करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि वह कितने दिनों तक ताजा रह सकती है. कुछ मिठाइयां कई दिनों तक खराब नहीं होतीं, जबकि कुछ एक-दो दिन में ही खराब होने लगती हैं. वहीं, यदि प्रसाद में फल शामिल हैं, तो उन्हें जल्द से जल्द ग्रहण कर लेना चाहिए या फिर फ्रूट सलाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है.
अनाज से बने बचे हुए प्रसाद का सही तरीका
खीर, हलवा, चावल, पूड़ी या सब्जी जैसे अनाज से बने प्रसाद को 24 घंटे के भीतर ही खा लेना बेहतर माना जाता है, क्योंकि पका हुआ भोजन जल्दी खराब हो सकता है. अगर प्रसाद को तुरंत ग्रहण करना संभव न हो, तो उसे फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है. फ्रिज में रखने से पहले प्रसाद को एयरटाइट कंटेनर में रखना जरूरी है. इस तरह रखने पर प्रसाद लगभग 24 से 30 घंटे तक सुरक्षित रह सकता है. दोबारा परोसने से पहले उसे अच्छी तरह गर्म करना चाहिए. कई घरों में बचे हुए प्रसाद को रात के भोजन या अगली सुबह नाश्ते के रूप में ग्रहण किया जाता है.
फूल, पत्तियां और माला का क्या करें?
पूजा में उपयोग किए गए फूल, पत्तियां या मालाएं एक-दो दिन तक मंदिर या पूजा स्थान में रखी जा सकती हैं. इसके बाद जब वे मुरझाने लगें, तो उन्हें किसी पेड़ के नीचे ऐसी जगह रखें, जहां उन पर किसी का पैर न पड़े. इन फूलों को मिट्टी में खाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे वे प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाते हैं और अपवित्र होने से बचते हैं. कई लोग पूजा के फूलों के लिए घर में अलग गमला भी रखते हैं, जो धार्मिक होने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल उपाय माना जाता है.
चरणामृत और जलयुक्त प्रसाद का उपयोग
चरणामृत या गंगाजल जैसे जलयुक्त प्रसाद को पौधों की जड़ों के पास छिड़कना शुभ माना जाता है. कुछ लोग इसे घर के मुख्य द्वार पर भी डालते हैं. इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि ऐसा पवित्र जल सिंक या गंदे नालों में न जाए. बचा हुआ प्रसाद भी दैनिक पूजा और भक्ति का ही हिस्सा होता है. इसलिए इसकी देखभाल और उपयोग श्रद्धा, स्वच्छता और सम्मान के साथ किया जाना चाहिए.
Disclaimer: ये धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता.


